पीडब्ल्यूडी के ईई और एई रिश्वत लेते गिरफ्तार

देहरादून। विजिलेंस टीम ने लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग खंड रानीखेत के अधिशासी अभियंता महिपाल सिंह कालाकोटी और सहायक अभियंता हितेश कांडपाल को एक लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। दोनों अफसरों ने एक व्यक्ति से बार लाइसेंस एनओसी जारी करने के एवज में तीन लाख रुपये मांगे। सौदा एक लाख रुपये में तय हुआ। दोनों अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज करने की तैयारी है। विजिलेंस के अनुसार, एक व्यक्ति ने छह जुलाई को एसपी विजिलेंस हल्द्वानी को शिकायत दी।

उत्तराखंड विजिलेंस डीआईजी अरुण मोहन जोशी के मार्गदर्शन में भ्रष्टाचारियों पर लगातार बड़ी कार्रवाई में जुटी है। आज विजिलेंस की हल्द्वानी टीम ने रिश्वतखोरी में नेशनल हाईवे, लोक निर्माण विभाग रानीखेत अल्मोड़ा के अधिशासी अभियंता (ईई) महिपाल कालाकोटी और सहायक अभियंता (एई) हितेश कांडपाल को एक लाख रुपये रिश्वतखोरी में रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।
विजिलेंस की टीम दोनों से पूछताछ कर रही है। विजिलेंस के निदेशक वी.विनय कुमार और डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने ट्रैप टीम को इनाम देने की घोषणा की है। विजिलेंस के एसपी मुख्यालय धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि हल्द्वानी टीम ने यह कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि अल्मोड़ा निवासी शिकायत कर्ता ने बार खोलने के लिए एनएच समेत अन्य विभागों से एनओसी मांगी थी। सभी ने एनओसी जारी कर दी थी। जबकि एनएच, पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने एनओसी लटका दी। इस पर आरोपियों ने बार संचालक से रिश्वत की मांग की।
आज बार संचालक पहले से तय हुए सौदे के अनुसार एनएच के दफ्तर पहुंचा। जहां एक लाख की रिश्वत ईई को सौंपी। ईई ने यह रकम एई को सौंपी। मौके पर विजिलेंस की ट्रैप टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी अधिशासी अभियंता का नाम महिपाल कालाकोटी और सहायक अभियंता का नाम हितेश कांडपाल है। दोनों को गिरफ्तार कर देहरादून विजिलेंस कोर्ट में पेश किया जाएगा। आरोपियों के घर और दफ्तर में विजिलेंस ने जरूरी फाइलें और दस्तावेज जब्त किए हैं। प्रोपर्टी और बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है।

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