#दयारा #बुग्याल में #बटर #फेस्टिवल में खेली गई #मक्खन व #मट्ठा की #होली

उत्तरकाशी। दयारा बुग्याल में बटर फेस्टिवल धूमधाम से मनाया गया। इस लोक उत्सव में मक्खन-मट्ठा की होली खेलने के साथ ही प्रकृति की पूजा की गई। यहां पहुंचे पर्यटक और स्थानीय ग्रामीणों ने मखमली बुग्याल में मक्खन की होली खेली तथा इन क्षणों को यादगार बनाया। इस उत्सव को देखने के लिए उत्तरकाशी से कई पर्यटक पहुंचे। साथ ही रैथल, नटीण, भटवाड़ी, क्यार्क और बंद्राणी से भी ग्रामीण सोमेश्वर देवता की डोली के साथ दयारा बुग्याल पहुंचे। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 42 किलोमीटर की सड़क दूरी तथा भटवाड़ी ब्लाक के रैथल गांव से दस किलोमीटर पैदल दूरी पर स्थित 28 वर्ग किलोमीटर में फैले दयारा बुग्याल में सदियों से अंढूड़ी उत्सव मनाया जाता आ रहा है। इस उत्सव में दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं तथा यहां मखमली घास पर मक्खन तथा मट्ठा की होली खेलते हैं।


मक्खन की होली खेलने के चलते अंढूड़ी उत्सव को बटर फेस्टिवल के रूप में भी जाना जाता है। गर्मी के मौसम में क्षेत्र के ग्रामीण अपने मवेशियों के साथ बुग्याली क्षेत्रों में चले जाते हैं और अब इस मेले को मनाने के बाद वापस अपने गांव को लौट जाते हैं, लेकिन लौटने से पहले प्रकृति का शुक्रिया अदा करने के लिए मेले का आयोजन करते हैं, जिसमें प्रकृति की पूजा-अर्चना की जाती है। इस अवसर पर स्थानीय ग्रामीणों और वन गुर्जरों ने दूध, मक्खन, मट्ठा एकत्र किया। दूध की खीर तैयार की गई, जबकि मक्खन और मट्ठा की होली खेली गई। इस अवसर स्थानीय महिलाओं और पुरुषों ने सोमेश्वर देवता की डोली के साथ रांसो तांदी लोक नृत्य किया। दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल के अध्यक्ष मनोज राणा ने कहा कि सदियों से रैथल व आसपास के ग्रामीण गर्मियों की शुरुआत में ही अपने मवेशियों के साथ दयारा बुग्याल की छानियों में जाते हैं, जहां ग्रामीण अपने मवेशियों के साथ पूरी गर्मियां बिताते हैं। मानसून की शुरुआत में ठंड बढ़ने से ग्रामीणों के वापस लौटने का सिलसिला भी शुरू हो जाता है।

बुग्याल में पहुंचकर मवेशियों के दूध में अप्रत्याशित वृद्धि होती है तथा ग्रामीणों के घरों में संपन्नता आती है। इसलिए हर वर्ष अगस्त माह में इस पर्व को प्रकृति देवता की पूजा के रूप में मनाते हैं। प्रकृति देवता को शुक्रिया कहते हैं। इस मौके पर दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल के अध्यक्ष मनोज राणा, गजेंद्र सिंह राणा, सुंदर सिंह भंडारी, बचन सिंह रावत, भगवती प्रसाद नौटियाल, सुबेंद्र सिंह राणा रैथल प्रधान सुशीला राणा, नटीण महेंद्र पोखरियाल आदि मौजूद रहे।

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