जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को बचाने को निकाली धर्मरैली, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

देहरादून। जैन तीर्थकरों और अनंत संतों की मोक्षस्थली सम्मेद शिखर पारसनाथ पर्वतराज जिला-गिरिडीह (झारखंड) की स्वतंत्र पहचान, पवित्रता और संरक्षण हेतु सम्मेद शिखर बचाओ आन्दोलन के समर्थन में देहरादून में जैन समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में एकत्रित होकर धर्म रैली निकाली। इस मौके पर जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन में मांग की गई है कि पारसनाथ पर्वतराज को वन्य जीव अभ्यारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन, धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाए। पारसनाथ पर्वतराज को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसिटिव जोन के अन्तर्गत वन्य जीव अभ्याण्य का एक भाग और तीर्थ माना जाता है, लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र. 2795 (ई) दिनांक 02 अगस्त 2019 को अविलम्ब रद्द किया जाए।
पारसनाथ पर्वतराजश् और मधुबन को माँस-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाए 4. पर्वतराज की वन्दना मार्ग को अतिक्रमण, वाहन संचालन व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण, सामान जांच हेतु व स्कैनर, कैमरे सहित दो चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाये जाए। पर्वतराज से पेड़ों का अवैध कटान, पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबन्धित हो। 2 अगस्त 2019 को तत्कालीन झारखंड सरकार की अनुसंशा पर केन्द्रीय वन मंत्रालय द्वारा झारखंड में गिरीडिह जिले के मधुबन में स्थित सर्वाेच्च जैन शास्वत तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी पारसनाथ पर्वतराजश् को वन्य जीव अभ्यारण्य का एक भाग घोषित कर इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत पर्यावरण पर्यटन व अन्य गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने वाली अधिसूचना क्र. 2795 (ई) बिना जैन समाज से आपत्ति या सुझाव लिए जारी की थी।
भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष नरेश चन्द जैन ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि 20 जैन तीर्थंकरों और अनंत संतों की मोक्ष स्थली होने के कारण सम्मेद शिखर का कण-कण प्रत्येक जैन के लिए पूजनीय वंदनीय है। सूचना के अधिकार के तहत केंद्रीय वन मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पारसनाथ तीर्थराज को इको सेंसिटिव जोन में घोषित किये जाने से पूर्व झारखंड सरकार या वन मंत्रालय द्वारा कम से कम दो राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों और एक स्थानीय भाषा के समाचार पत्र में आरंभिक अधिसूचना प्रकाशित किये जाने के साथ मधुबन में सैकड़ों वर्षों से कार्यरत जैन संस्थाओं को कॉपी उपलब्ध नहीं करायी गयी।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक संदीप जैन ने अवगत कराया कि गत 15 जनवरी 2022 को पारसनाथ पर्वतराज पर हजारों लोगों की भीड़ चढ़ी लेकिन पर्वतराज की सुरक्षा और पवित्रता हेतु स्थानीय पुलिस व प्रशासन की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिसके कारण अजैन लोगों ने पवित्र जैन तीर्थंकर मोक्षस्थली पर जूते चप्पल के साथ बैठकर उनका अपमान किया, जिसकी वीडियो वायरल होने पर सकल जैन समाज में आक्रोश पैदा हुआ और अनेकों जैन संस्थाओं ने आपको मांस-मदिरा बिक्री मुक्त पारसनाथ पर्वतराज व मधुबन को पवित्र श्जैन तीर्थ स्थल घोषित किये जाने और पर्वत पर जाने वाले यात्रियों के पंजीकरण, ब्ब्ज्ट कैमरे, यात्रियों के सामान की जांच हेतु स्कैनर व ब्त्च्थ् की दो चेक पोस्ट स्थापित किये जाने, पर्वत्त की वंदना मार्ग को अतिक्रमण मुक्त कराने और शुद्ध पेयजल व चिकित्सा आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु याचिका भेजी गयी लेकिन जैन समाज की मांगो पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी और यह अल्पसंख्यक जैन समाज के साथ घोर अन्याय है।
जैन समाज के अध्यक्ष विनोद जैन ने कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा भी पत्र दिनांक 24 मार्च 2022 द्वारा भी संगठन को समस्त जैन समाज के उपरोक्त विषयों पर झारखंड सरकार और केन्द्रीय वन मंत्रालय को कार्यवाही करने हेतु लिखने की जानकारी दी गयी थी, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी। इसी क्रम में देहरादून जैन समाज के सैकड़ों धर्मावलम्बियों ने आक्रोश व्यक्त किया। जैन धर्मशाला, गांधी रोड़, देहरादून से लक्खीबाग चौकी, रेलवे स्टेशन यूटर्न, प्रिंस चौक, द्रोण होटल के सामने से जिलाधिकारी कार्यालय तक जैन समाज देहरादून द्वारा एक शान्ति पूर्वक जलूस निकाला गया। सैकड़ों महिला-पुरुषों अपने हाथों में धर्मध्वज एवं शिखर जी बचाओ तख्तियाँ हाथों में लेकर चल रहे थे, और जिलाधिकारी महोदया को ज्ञापन सौंपा गया। आयोजन में सहयोग करने वाले प्रमुख रूप से सर्वश्री राजेश जैन, डॉ० संजीव जैन, सुनील जैन,केंद्रीय महिला संयोजिका मधु जैन,अर्चना जैन, पूनम, बीना, मोनिका, अमित जैन, प्रवीन जैन, पंकज जैन, सचिन जैन,संजय जैन, अजित जैन, अनिल जैन, राजीव जैन आदि का सराहनीय सहयोग रहा।

 609 total views,  1 views today

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *