धामी सरकार ने सदन में पेश किया 5440.43 करोड़ का अनुपूरक बजट

-प्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा विधेयक समेत 10 विधेयक सदन में पेश किए

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मंगलवार को धामी सरकार ने सदन में 5440.43 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया। शाम चार बजे सरकार के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखा। अनुपूरक बजट में लगभग 3164 करोड़ की राशि पूंजीगत मद और 2276.43 करोड़ की राशि राजस्व मद से संबंधित है। बजट में 60 प्रतिशत धनराशि संसाधन संबद्ध है। इन योजनाओं में संसाधन सुनिश्चित होते हैं और उपलब्ध संसाधनों से खर्च किया जाता है। शेष लगभग 40 प्रतिशत धनराशि का व्यय मूल बजट में अनुमानित वेतन आदि से होने वाली बचत से किया जाएगा। चालू वित्तीय वर्ष का मूल बजट 65571 करोड़ का है।
वित्त मंत्री ने बताया कि वेतन मद में लगभग 160 करोड़, मजदूरी को 114 करोड़, पेंशन मद में 230 करोड़, सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 58 करोड़ व राज्य आंदोलनकारी पेंशन मद में 20 करोड़ की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। पीएमजीएसवाई में लगभग 350 करोड़, लोक निर्माण विभाग को 220 करोड़, शहरी विकास को 210 करोड़, पेयजल को 130 करोड़ समेत पूंजीगत परिव्यय के लिए 1154 करोड़ की राशि रखी गई। सरकार ने महालेखाकार के परामर्श के अनुसार वेज एंड मीन्स एडवांस के रूप में पहली बार 2000 करोड़ की अतिरिक्त मांग प्रथम अनुपूरक में सम्मिलित की है।

प्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा(महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 समेत 10 विधेयक सदन में पेश किए गए। संस्कृति व धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने सदन में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 पेश किया। इस विधेयक में सामूहिक धर्म परिवर्तन का दोष सिद्ध होने पर 10 साल की गैर जमानती सजा का प्रावधान किया गया है।

प्रश्नकाल में विधायकों ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सवाल पूछे।  सरकार के मंत्री सत्ता पक्ष व विपक्ष के विधायकों के सवालों में फंसते नजर आए। विकासनगर से बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने वन गुजर को लेकर प्रश्न पूछा जिस पर वन मंत्री सुबोध उनियाल संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।  विधायक संजय डोभाल वन प्रभागों में दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूरों का मामला भी सदन में उठाया। कहा कि वर्षों से कम मानदेय पर काम कर रहे इन मजदूरों को नियमित किया जाए। कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत ने राजाजी रिजर्व पार्क में गुज्जरों के पशुओं को चुगान और लोपिंग के परमिट का मामला उठाया। कहा कि हरिद्वार ग्रामीण में काफी संख्या में वन गुज्जर लोग रहते हैंए जिनको पशु चुनाग के परमिट नहीं दिए गए हैं। विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी बोली को लेकर सरकार से पूछा कि इनके बढ़ावे के लिए क्या तैयारी की जा रही है। भाषा मंत्री सुबोध उनियाल प्रादेशिक बोली को लेकर सदन में जवाब दिया लेकिन विपक्ष के विधायक भाषा मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। प्रसाद योजना पर विधायक संजय डोभाल ने धर्मस्व मंत्री से सवाल पूछा। कहा कि यमुनोत्री धाम में प्रसाद योजना के अंतर्गत कितने धन की व्‍यवस्था की हैघ्विधानसभा में झबरेड़ा विधायक नरेंद्र ने इकबालपुर नहर परियोजना का मामला उठाया। 2013.14 में रुड़की गंगनहर से निकालकर यह परियोजना स्वीकृत की गई थी। लेकिन यह नहर परियोजना आज तक बनकर तैयार नहीं हुई। इस परियोजना से इस क्षेत्र के तकरीबन 75 गांव सिंचाई से लाभान्वित होंगे। यह परियोजना यूपी.उत्तराखंड के बीच फंसी है।
वहीं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सदन में कहा कि टिहरी झील में फैली गंदगी को हटाने के लिए नई व्यवस्था बनेगी। बरसात के सीजन में लकड़ी, जानवरों के शव, कूड़ा करकट हटाने के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है। विधायक विक्रम सिंह नेगी ने टिहरी झील में फैली गंदगी को हटाने को लेकर सवाल पूछा था। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का का मुद्दा उठाया। कहा कि विधायकों के विशेषाधिकार हनन को लेकर सरकार गम्भीर नहीं है।नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विधायकों के विशेषाधिकार हनन पर पीठ सरकार को निर्देश दे। जिस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जवाब दिया। कहा कि सदन हर सदस्य का सम्मान करता है।

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