अंकिता भंडारी कांड में परिजनों की सहमति के बिना सरकारी अधिवक्ता तैनात किए जाने की कांग्रेस ने की निंदा

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने अंकिता भंडारी कांड में राज्य सरकार द्वारा बिना अंकिता के परिजनों की सहमति के विशेष लोक अभियोजक को अधिवक्ता नियुक्त किए जाने की कड़ी निंदा की है। धीरेंद्र प्रताप ने इसे सरकार की ओर से एक बार फिर से अंकिता भंडारी कांड के दोषियों को बचाने का नापाक प्रयास बताते हुए कहा कि इससे एक बार फिर से यह सिद्ध हो गया है की सरकार इस मामले को दबाना चाहती है और किसी नानी ग्रामी क्रिमिनल अधिवक्ता की जगह लोक अभियोजक की नियुक्ति कर इस मामले में अपराधियों की जीत सुनिश्चित करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता को अपराधियों की ओर से पैरवी के लिए नियुक्त कर दिया था जिसका अंकिता के परिजनों और कांग्रेस ने विरोध किया था जिसके बाद उनकी नियुक्ति रद्द कर दी गई थी। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट ने पहले ही क्रिमिनल अधिवक्ता की नियुक्ति की अनुशंसा की है परंतु सरकार अपनी मनमानी करने पर लगी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट से मुकदमा जारी करने की भी हाईकोर्ट द्वारा राय दी गई है परंतु सरकार ने इस मामले में भी कोई कार्यवाही नहीं की है। धीरेंद्र प्रताप ने चेतावनी दी यदि सरकार ने इस पर तत्काल कार्रवाई नहीं की और अंकिता भंडारी कांड में पैरवी हेतु किसी जाने-माने क्रिमिनल अधिवक्ता की नियुक्ति नहीं की तो वे इसके विरुद्ध मुख्यमंत्री आवास पर सत्याग्रह करेंगे।

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