आईटी पार्क डांडा लंखौड में हो रहा भागवत कथा का आयोजन

देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज । आईटी पार्क डांडा लंखौड में भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित राकेश चंद्र डुकलान द्वारा भगवती के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर उनके द्वारा कथा सुनाई गई। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण में जन्म से ही सिद्धियां मौजूद थी उनके पिता वासुदेव माता देवकी जी की विवाह के समय जब मामा कंस अपनी बहन देवकी को ससुराल पहुंचाने जा रहे थे तभी एक आकाशवाणी हुई जिसमें बताया गया कि देवकी के आठवें पुत्र के हाथों कंस का वध होगा इसके बाद वासुदेव और देवकी को कंस ने कारागार में डाल दिया अष्टमी के दिन रात्रि 12 बजे कंस के कारागार के सभी ताले टूट गए और सभी सैनी गहरी नींद में सो गए आकाश में बादल छाने लगे और भयंकर बारिश होने लगी। इसके बाद श्री कृष्ण का जन्म हुआ श्री कृष्ण चंद्रवंशी हैं और चंद्रदेव उनके पूर्वज, भगवान श्री कृष्ण का रात्रि में जब जन्म हुआ तब पूरे ब्रह्मांड का वातावरण सकारात्मक हो गया। देवी देवता मंगल गीत गाने लगे और ईश्वर का गुणगान करने लगे पृथ्वी से लेकर इंद्रलोक तक चारों तरफ ईश्वर के आने की खुशी थी जब ईश्वर ने पृथ्वी पर जन्म लिया तो देवी देवताओं ने स्वर्ग से फूल बरसाए। आचार्य पंडित राकेश शुक्ला जी महाराज ने कहा श्रीमद् भागवत कथा से ही जीवन का कल्याण है जहां भागवत कथा का गुणगान होता है वहां प्रभु को दर्शन देते हैं श्रीमद् भागवत कथा हमें भगवान श्री कृष्ण के विश्व कल्याण के लिए जो संदेश दिया है उसकी आज समाज को जरूरत है हमें हमेशा प्रभु को हाथ जोड़कर जीवन व्यतीत करना चाहिए। इस भागवत कथा का आयोजन प्रमोद पंत व रवि पंत परिवार की ओर से किया जा रहा है।

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