आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की, 30 सितंबर तक ही कानूनी रूप से वैध रहेंगे

नई दिल्ली। आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस लेने की घोषणा की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने  बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंकनोट जारी करना बंद करें।  हालांकि 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। जानकारी के मुताबिक, क्लीन नोट पॉलिसी के तहत आरबीआई ने यह फैसला लिया है। आरबीआई ने कहा है कि यह नोट 30 सितंबर तक कानूनी रूप से वैध रहेंगे, तकरीबन साढ़े छह साल पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने दो हजार रुपये के नोट जारी किए थे। अब इन्हें सर्कुलेशन यानी चलन से वापस लेने का फैसला किया गया है। हालांकि, इन्हें गैर-कानूनी करार नहीं दिया गया है, बल्कि इन्हें बैंकों में जाकर बदलवाने की एक मियाद दी गई है। आम लोगों से जुड़े इस बड़े फैसले से जुड़े हर सवाल का दो हजार रुपये के नोट अब बाजार से हटते जाएंगे। जो नोट बैंकों के पास जमा हो जाएंगे, वे दोबारा जारी नहीं होंगे। इस तरह वे चलन में दोबारा नहीं आएंगे और पूरी तरह हट जाएंगे।

आरबीआई ने नवंबर 2016 में आरबीआई एक्ट 1934 की धारा 24(1) के तहत ये नोट निकाले थे। रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के बाद इन नोटों को जारी किया था। यह फैसला इसलिए लिया गया था ताकि उस समय 500 और 1000 रुपये के जो नोट चलन से हटाए गए थे, उनका बाजार और अर्थव्यवस्था पर असर कम किया जा सके। जब दूसरे मूल्य के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए, तब दो हजार रुपये को चलन में लाने का उद्देश्य पूरा हो गया। आरबीआई ने कहा कि 2000 रुपये के बैंक नोटों को लाने के उद्देश्य के एक बार पूरा हो जाने के बाद 2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। उस समय तक अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए थे। आरबीआई ने यह भी बताया है कि मार्च 2017 से पहले 2000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में से लगभग 89 प्रतिशत जारी किए गए थे।  आप अपने बैंक खाते में इन नोटों को जमा करा सकते हैं। या फिर इन्हें दूसरे नोटों से बदलवा सकते हैं। आप मंगलवार 23 मई 2023 से बैंक जाकर नोट बदलवा सकते हैं। 30 सितंबर 2023 तक यह प्रक्रिया चलेगी। इसके लिए बैंकों को अलग दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। नोट बदलवाने का काम आप किसी भी बैंक में जाकर कर सकते हैं। RBI के 19 क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं। इनमें जहां-जहां इश्यू डिपार्टमेंट हैं, वहां जाकर भी नोट बदलने की सुविधा उपलब्ध रहेगी। बैंक शाखाओं में अन्य ग्राहकों को दिक्कत न हो, इसके लिए RBI ने कहा है कि एक बार में अधिकतम सिर्फ 20 हजार रुपये मूल्य के दो हजार के नोट ही बदलवा सकेंगे। यानी एक बार में सिर्फ 10 नोट एक्सचेंज होंगे।
RBI के निर्देश से साफ है कि दो हजार रुपये के नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे, लेकिन हो सकता है कि बाजार में इसके जरिए लेनदेन में दिक्कतें आए। ऐसे में आसान तरीका यही है कि आप बैंक जाकर ही नोट बदलवा लें।
आरबीआई ने नवंबर 2016 में दो हजार रुपये के नोट जारी किए थे। इन्हें आरबीआई कानून 1934 की धारा 24(1) के तहत जारी किया गया था। यह फैसला इसलिए लिया गया था ताकि उस समय चलन में मौजूद 500 और 1000 रुपये की जो करंसी नोटबंदी के तहत हटाई गई थी, उसके बाजार और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को कम किया जा सके। RBI के मुताबिक, दो हजार रुपये के तकरीबन 89% नोट मार्च 2017 से पहले ही जारी हो गए थे। ये नोट चार-पांच साल तक अस्तित्व में रहने की उनकी सीमा पार कर चुके हैं या पार करने वाले हैं। 31 मार्च 2018 को 6.73 लाख करोड़ रुपये के नोट सर्कुलेशन में थे। यानी कुल नोटों में इनकी हिस्सेदारी 37.3% थी। 31 मार्च 2023 तो यह आंकड़ा घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गया। यानी चलन में मौजूद कुल नोटों में दो हजार रुपये के नोटों की 10.8% हिस्सेदारी ही रह गई। नोटबंदी के बाद दो हजार रुपये के नोट लाए गए थे। जब दूसरे मूल्य के बैंक नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए, तब दो हजार रुपये को चलन में लाने का उद्देश्य भी पूरा हो गया। लिहाजा, 2018 में दो हजार रुपये के नोटों की छपाई भी बंद कर दी गई। RBI के मुताबिक, दो हजार रुपये के नोट आमतौर पर लेनदेन में बहुत ज्यादा इस्तेमाल में भी नहीं आ रहे। इसके अलावा, अन्य मूल्य के नोट भी आम जनता के लिए चलन में पर्याप्त रूप से मौजूद हैं। लिहाजा, आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी के तहत यह फैसला लिया गया है कि दो हजार रुपये के नोटों को चलन से हटा लिया जाए।

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