उत्तराखंड की जेलों में क्षमता से दोगुने कैदी हैं बंद

-सूचना अधिकार के तहत ली गई सूचना में हुआ खुलासा

देहरादून। उत्तराखंड के विभिन्न कारागारों में क्षमता से दोगुने कैदी बंद हैं। शान्त प्रदेश माने जाने वाले इस राज्य की सामान्य जेलों में उसकी क्षमता 3441 से दोगुने से अधिक 6884 कैदी बंद हंै। इसमें 2111 सिद्ध दोष (सजायाफ्ता) बंदी और 4773 विचाराधीन कैदी शामिल हैं। प्रदेश में केवल दो जेल ही ऐसी हैे जिसमें निर्धारित स्वीकृत क्षमता से कम कैदी बंद हैं। सम्पूर्णानन्द शिविर सितारगंज (खुली जेल) में 34 सजायाफ्ता कैदी बंद हैं। क्षमता से कम कैदियों वाली दूसरी जेल जिला कारागार चमोली है। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत कारागार मुख्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ है।
सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने महानिरीक्षक कारागार (कारागार मुख्यालय) उत्तराखंड से उत्तराखंड राज्य की जेलो में बंदियों की क्षमता तथा वर्तमान में बंद कैदियों की संख्या के सम्बन्ध में सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में कारागार मुख्यालय उत्तराखंड के लोक सूचना अधिकारी ने अपने पत्रांक 2992 से जेलों की क्षमता तथा बंदियों का विवरण उपलब्ध कराया है। उपलब्ध सूचना के अनुसार सम्पूर्णानन्द शिविर जेल सितारगंज (खुली जेल) के अतिरिक्त तथा सम्पूर्णानन्द शिविर जेल सितारगंज (खुली जेल) के अतिरिक्त सभी जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद है।
सूचना के अनुसार क्षमता से सर्वाधिक अधिक 364 प्रतिशत कैदी 102 क्षमता वाली जिला कारागार अल्मोड़ा में 371 कैदी है। इसमें 273 विचाराधीन तथा 98 सजायाफ्ता कैदी बंद हैं। दूसरे स्थान पर क्षमता के 335 प्रतिशत कैदी 535 क्षमता वाली उपकारागार हल्द्वानी में 1792 कैदी है। इसमें 1610 विचाराधीन तथा 182 सजायाफ्ता कैदी है। तीसरे स्थान पर क्षमता के 286 प्रतिशत कैदी 71 क्षमता वाली जिला कारागार नैनीताल में 203 कैदी बंद है। इसमें 189 विचाराधीन 14 सजायाफ्ता शामिल हैं। चैथे स्थान पर क्षमता के 252 प्रतिशत कैदी 580 क्षमता वाली जिला कारागार देहरादून में 1463 कैदी बंद हैं। इसमें 1073 विचाराधीन तथा 390 सजायाफ्ता शामिल है। पांचवें स्थान पर क्षमता के 241 प्रतिशत कैदी 244 क्षमता वाली रूड़की उपकारागार में 588 कैदी बंद है जिसमें 558 विचाराधीन तथा 30 सजायाफ्ता शामिल है। छठे स्थान पर क्षमता के 157 प्रतिशत कैदी 150 क्षमता वाली जिला कारागार टिहरी में 236 कैदी बंद हैं जिसमें 168 विचाराधीन तथा 68 सजायाफ्ता शामिल है। सातवें स्थान पर क्षमता के 145 प्रतिशत कैदी 888 क्षमता वाली जिला कारागार हरिद्वार में 1291 कैदी बंद है इसमें 672 विचाराधीन 619 सजायाफ्ता शामिल है। आठवें स्थान पर क्षमता के 126 प्रतिशत कैदी 150 क्षमता वाली जिला कारागार पौड़ी में 189 कैदी बंद है जिसमें 131 विचाराधीन 58 सजायाफ्ता शामिल है। नवें स्थान पर क्षमता के 111 प्रतिशत कैदी 552 क्षमता वाली केन्द्रीय कारागार सितारगंज में 611 कैदी बंद हैं इसमें 14 विचाराधीन तथा 597 सजायाफ्ता कैदी बंद हैं।
सूचना के अनुसार प्रदेश में केवल दो जेले ही ऐसी है जिसमें निर्धारित स्वीकृत क्षमता से कम कैदी बंद है। इसमें एक विशेष जेल सम्पूर्णानन्द शिविर (खुली जेल) सितारगंज है जिसमें केवल सजायाफ्ता कैदियों को ही रखा गया है। इसकी क्षमता 300 कैदियों की है जबकि इसकी क्षमता के मात्र 11 प्रतिशत 34 सजायाफ्ता कैदी ही इसमें बंद है। इसके अतिरिक्त सामान्य जेलों में स्वीकृत क्षमता से कम कैदियों वाली एकमात्र जेल जिला कारागार चमोली है। इसमें उसकी क्षमता 169 की अपेक्षा 83 प्रतिशत 140 कैदी ही बंद हैं इसमें 85 विचाराधीन तथा 55 सजायाफ्ता कैदी शामिल है।

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