ओमिक्रोन के चलते दुनिया के कई मुल्‍कों में हालात खराब हुए

वाशिंगटन। अमेरिका में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के चलते मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। एक दिन में 10 लाख से ज्यादा मामले तक मिल चुके हैं और इस समय कोरोना के डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। हालांकि अमेरिका के सर्जन जनरल डा. विवेक मूर्ति का कहना है कि अभी ओमिक्रोन का चरम आना बाकी है और आने वाले हफ्तों में अस्पतालों में मरीजों की संख्या और मौतें बढ़ेंगी। ओमिक्रोन के चलते दुनिया के कई मुल्‍कों में हालात खराब हो गए हैं।   अमेरिका में कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के चलते मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। एक दिन में 10 लाख से ज्यादा मामले तक मिल चुके हैं और इस समय कोरोना के डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। हालांकि अमेरिका के सर्जन जनरल डा. विवेक मूर्ति का कहना है कि अभी ओमिक्रोन का चरम आना बाकी है और आने वाले हफ्तों में अस्पतालों में मरीजों की संख्या और मौतें बढ़ेंगी। ओमिक्रोन के चलते दुनिया के कई मुल्‍कों में हालात खराब हो गए हैं।  मीडिया के एक कार्यक्रम में डा. मूर्ति ने कहा कि कुछ राहत की बात यह है कि न्यूयार्क शहर और न्यूजर्सी जैसे देश के उत्तरी हिस्से में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में स्थिरता आ गई है या मामले कम हो रहे हैं। हालांकि, सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पूरे देश में मामले न तो स्थिर हो रहे हैं और न ही कम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले एक दो दिन में कोई राहत नहीं मिलने वाली। इस दौरान मामले चरम भी नहीं पहुंचने वाले। इसमें अभी हफ्तों लगेंगे और यह समय अमेरिका के लिए बहुत कठिन होने वाला है। ब्राउन यूनिवर्सिटी स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ के डा. आशीष झा भी मूर्ति की बातों का समर्थन करते दिखते हैं। उनके मुताबिक अगले कई हफ्तों तक अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस समय अमेरिका के अस्पतालों में डेढ़ लाख से ज्यादा मरीज हैं जो अब तक सर्वाधिक संख्या है। मरीज अभी और बढ़ेंगे। कंसास शहर में छुट्टी के बाद से ही अस्पतालों में मरीजों की लाइन लग रही है। मरीज बढ़ रहे हैं और अस्पताल में कर्मचारियों की संख्या कम पड़ रही है। अस्पतालों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। रूस में भी ओमिक्रोन के चलते संक्रमितों की संख्या बेतहाशा बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे में 30,726 नए मामले मिले हैं, जबकि एक हफ्ते पहले तक 15 हजार के आसपास रोज मरीज मिल रहे थे। इस दौरान 670 लोगों की जान भी गई है। कोरोना वायरस टास्कफोर्स ने पिछले हफ्ते ही ओमिक्रोन के चलते मामलों में वृद्धि की आशंका जताई थी।चीन ने कोरोना वायरस खासकर ओमिक्रोन के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति अपना रखी है। इसके चलते उसकी अर्थव्यवस्था और सप्लाई चेन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उदाहरण के लिए गोल्डमैन साक्स ने वर्ष 2022 के लिए चीन की अनुमानित आर्थिक विकास दर को 4.8 प्रतिशत से घटाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया है। पिछले साल की तुलना में यह लगभग आधी है। मोरगन स्टेनली ने भी विकास दर के अनुमान को 4.9 प्रतिशत से घटाकर 4.2 प्रतिशत कर दिया है। आस्ट्रेलिया में घर में ही कोरोना जांच करने वाली किट की कमी हो गई है। प्रधानमंत्री स्काट मारिसन ने इस पर कहा कि एंटीजन टेस्ट किट में कमी कोई अनोखी बात नहीं है। ओमिक्रोन के चलते मामले बढ़ रहे हैं और अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की दर भी बढ़ रही है और जांच व्यवस्था पर भी इसका असर पड़ा है।अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बौरला ने कहा है कि उनकी कंपनी ने कोरोना से निपटने में मदद के लिए अगले पांच साल में फ्रांस में 52 करोड़ यूरो (4100 करोड़ रुपये) निवेश करने की योजना बनाई है। उन्होंने यह भी बताया कि फ्रांस में कोरोना रोधी दवा बनाने के लिए फाइजर स्थानीय कंपनी नोवासेप के साथ भागीदारी कर रही है। जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने संसद सत्र के उद्घाटन भाषण में कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने और बढ़ते क्षेत्रीय खतरे से निपटने के लिए सख्त उपाय करना उनकी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में लोगों से भी एक दूसरे की मदद करने की अपील की। ग्रीस में 60 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए टीकाकरण को अनिवार्य बना दिया गया है। यूरोपीय संघ की तुलना में ग्रीस में इस आयुवर्ग में टीका लगवाने वालों की औसत संख्या कम है। सरकार का कहना है कि टीका नहीं लगवाने वाले इस आयुवर्ग के लोगों को जनवरी में 57 डालर यानी लगभग 4,275 रुपये का जुर्माना भरना होगा। इसके बाद भी टीका नहीं लगवाने पर अगले महीने से 114 डालर यानी लगभग 8,550 रुपये जुर्माना देना होगा।

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