12 से 14 साल के बच्चों का मार्च से शुरू हो सकता है टीकाकरण

नई दिल्‍ली। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार एक और बड़ा फैसला ले सकती है। टीकाकरण संबंधी राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के कोविड-19 कार्यसमूह के अध्यक्ष डा. एनके अरोड़ा ने बताया कि मार्च से 12 से 14 साल के बच्चों का टीकाकरण शुरू किया जा सकता है क्योंकि तब तक 15 से 18 आयुवर्ग के किशोरों के पूरी तरह से टीकाकरण पूरा हो जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि 12 से 14 साल के आयु वर्ग में अनुमानित आबादी 7.5 करोड़ है।
नेशनल टेक्नीकल एडवाइजरी ग्रुप आन इम्युनाइजेशन (एनटागी) के कोरोना कार्यदल के चेयरमैन डा. एनके अरोड़ा ने सोमवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि 15-18 वर्ष आयुवर्ग की आबादी करीब 7.4 करोड़ है और 3.45 करोड़ से अधिक को अभी तक कोवैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है और 28 दिनों बाद उन्हें दूसरी डोज लगनी है। इस आयुवर्ग के किशोर टीकाकरण प्रक्रिया में सक्रियता से हिस्सा ले रहे हैं और इस गति से बाकी किशोरों को भी जनवरी के आखिर तक पहली डोज लग जाएगी। मालूम हो कि इस साल तीन जनवरी को 15 से 18 साल के किशोरों का टीकाकरण शुरू किया गया था।
इसके बाद उन्हें दूसरी डोज लगाने का काम भी फरवरी के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। डा. एनके अरोड़ा ने कहा कि 15 से 18 वर्ष आयुवर्ग के किशोरों का टीकाकरण पूरा होने के बाद सरकार मार्च से 12 से 14 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों का टीकाकरण शुरू करने का नीतिगत फैसला ले सकती है। मालूम हो कि ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) पहले ही किशोरों के लिए दो टीकों को मंजूरी प्रदान कर चुका है। इनमें पहला भारत बायोटेक का कोवैक्सीन है और दूसरा अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला का जायकोव-डी है। जायकोव-डी दुनिया का पहला प्लाज्मिड-डीएनए टीका है जिसे 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए स्वीकृत किया गया है।
डा. अरोड़ा ने पूर्व में कहा था कि चूंकि जायकोव-डी पहला डीएनए टीका है इसलिए बच्चों को लगाने से पहले सरकार इसकी सुरक्षा के बारे में पूरी तरह आश्वस्त होना चाहती है। इसलिए इसकी पहली एक करोड़ डोज वयस्कों को लगाई जाएंगी। उनका कहना था कि ट्रायल के दौरान यह वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित और प्रभावी पाई गई थी और हमें विश्वास है कि जल्द ही यह बच्चों के लिए उपलब्ध होगी।
बता दें कि 16 जनवरी 2021 को स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने के साथ ही देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी। यही नहीं दो फरवरी 2021 को फ्रंटलाइन वर्कर को टीका लगाने की शुरुआत हुई। यही नहीं एक मार्च 2021 को 60 साल से अधिक उम्र और गंभीर रोगों से ग्रस्त 45-60 वर्ष के लोगों का टीकाकरण शुरू किया गया था। पिछले साल एक अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्‍सीन दी जानी शुरू की गई थी। पिछले साल एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ था। मालूम हो कि इस साल 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर और गंभीर रोगों से ग्रसित 60 साल से अधिक उम्र वालों को सतर्कता डोज देनी शुरू की गई थी। यदि टीकाकरण के अहम पड़ावों पर गौर करें तो पिछले साल एक अप्रैल तक देश में 10 करोड़ डोज लगाई गई थीं। पिछले ही साल 21 अक्टूबर को 100 करोड़ डोज लगाने का आंकड़ा पार किया गया था। इस साल सात जनवरी को 150 करोड़ डोज लगाने का आंकड़ा पार किया गया था।
देश में कोरोना के खिलाफ अब तक पांच वैक्सीन के आपात इस्‍तेमाल को मंजूरी दी जा चुक हैं। इनमें आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा उत्पादित कोविशील्ड, भारत बायोटेक द्वारा पूरी तरह से स्वदेशी तौर पर विकसित और उत्पादित कोवैक्सीन और अमेरिकी दवा कंपनी माडर्ना की वैक्सीन शामिल हैं। देश में अमेरिकी दवा कंपनी जानसन एंड जानसन की वैक्सीन के साथ ही जायडस कैडिला की ओर से विकसित और उत्पादित जायकोव डी को भी मंजूरी दी जा चुकी है।

 1,048 total views,  1 views today