मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त करने की मांग को लेकर यूकेडी ने किया प्रदर्शन, सीएम को भेजा ज्ञापन

देहरादून। उक्रांद ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को बर्खास्त करने की मांग को लेकर कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया व जिला प्रशासन के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा। दल के कार्यकर्ता केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एपी जुयाल के नेतृत्व में जिलाधिकारी कार्यालय में एकत्रित हुए और प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपजिलाधिकारी शालिनी नेगी को ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर एपी जुयाल, सुनील ध्यानी, शैलेश गुलेरी, दीपक गैरोला, शंति भट्ट, शिव प्रसाद सेमवाल, विजय बौडाई, मोहन असवाल, रमा चैहान, देवेश्वर भट्ट, लताफत हुसैन,विपिन रावत, राजेंद्र गुसाई, बिजेंद्र रावत,सुरेन्द्र पेटवाल,सुलोचना ईष्टवाल,उत्तरा पंत बहुगुणा, मधु सेमवाल,किरन रावत कश्यप, शंति देवी चैहान, मोहन भंडारी, दीपक मधवाल आदि उपस्तिथ रहे।

ज्ञापन में यूकेडी कार्यकर्ताओं का कहना था कि प्रेमचंद अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चार बार उत्तराखंड की विधानसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हो चुके हैं। इसी कारण भाजपा द्वारा उनको पहले विधानसभा अध्यक्ष व वर्तमान में वित्त मंत्री के काबीना मंत्री जैसा महत्वपूर्ण दायित्व सौंपा गया है। परंतु उनकी हरकतों व क्रियाकलापों से समय समय पर आम उत्तराखंडियों को शर्मसार होना पड़ा है। शायद भाजपा के कार्यकर्ताओं व शीर्ष नेतृत्व ने भी ऐसा महसूस किया होगा। प्रेमचंद अग्रवाल जब पिछली सरकार में विधानसभा अध्यक्ष थे तो उन्होंने विधानसभा सचिवालय में 72 से अधिक बैकडोर भर्ती के द्वारा अपात्र अभ्यर्थियों की नियुक्तियां की। मीडिया द्वारा पूछे जाने पर उनका बेशर्मी भरा उत्तर था कि मैंने अपने अधिकारों का प्रयोग किया। विधानसभा अध्यक्ष के गरिमामय पद पर रहते हुए नियम कानूनों के विपरीत अपने बेटे की नियुक्ति जल निगम में कर दी। यहां भी मीडिया द्वारा पूछे जाने पर उनका जवाब था कि मेरा बेटा उस पद हेतु योग्य था इसलिए मैंने नियुक्ति करवा दी। अंकिता हत्याकांड में जब वीआईपी का नाम आया तो इनके द्वारा वीआईपी को व्यक्ति न बताकर वनंतरा रिसौर्ट के एक कमरे को ही वीआईपी का नाम देकर मीडिया, जांचकर्ताओं व जनता को भ्रमित कर जांच की दिशा को भटकाने का किया। विगत विधानसभा सत्र के दौरान बजट पेश करते हुए एक और काबीना मंत्री द्वारा इनके साथ की गई अश्लील हरकत का वीडियो भी खूब वाइरल हुआ जिस सदन को महिला विधानसभा अध्यक्ष संचालित कर रही थी। जो इसका प्रमाण है कि आपके यह मंत्री किस तरह की निम्न स्तर की हरकत विधानसभा के अंदर कर रहे थे। खेद है कि विधानसभा अध्यक्ष,व भाजपा आलाकमान ने इस बात का संज्ञान नहीं लिया। पहाड़ विरोधी मानसिकता के इन मंत्री महोदय ने विगत में भी समय समय पर पहाड़ के कमजोर व असहाय लोगों के साथ गाली गलौज व मारपीट की हैं। परंतु विगत 2 मई 2023 को ऋषिकेश में खुलेआम सुरेन्द्र सिंह नेगी व एक अन्य व्यक्ति को इनके व इनके समर्थकों द्वारा बुरी तरह से मारने का जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है उससे स्पष्ट हो रहा है कि ये मंत्री तो क्या जनप्रतिनिधि होने लायक भी नहीं है, जो पुलिस सुरक्षा कर्मियों व अन्य लोगों के होते हुए खुद कानून हाथ में लेकर खुलेआम सड़कों पर मारपीट करते हों।
6-वीडीयो को बारीकी से देखने के बावजूद कहीं से भी नजर नहीं आता कि इनका कुर्ता कहीं से फटा है। परंतु झूठी व बचकानी हरकत कर खुद घर जाकर अपना कुर्ता फाड़कर आरोप लगाया कि श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने उनकी जेब से पैसे निकाले। वीडियो से साफ पता चल रहा है कि मंत्री जी झूठ बोल रहे हैं। अगर उनका कथन सही है तो उनकी सुरक्षा पर तैनात पुलिस की अयोग्यता है जिसके लिए उनको दंडित किया जाना चाहिए। उत्तराखंड क्रांति दल आपसे मांग करता है कि प्रेमचंद अग्रवाल को अविलंब अपनी कैबिनेट से बाहर करने एवम् उनके विरुद्ध मारपीट व सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के कारण गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज करवाने की कृपा करे। इसके अतिरिक्त उनके बेटे की अवैध नियुक्ति, अंकिता कांड पर वीआईपी संबंधित उनके बयान, विधानसभा सभा में अवैध भर्तियों के प्रकरण व उनके सर्वप्रथम विधायक बनने से अब तक उनके द्वारा अर्जित चल अचल संपत्तियों की सीबीआई से जांच कराई जाए । साथ ही उनके साथ तैनात सुरक्षाकर्मी व अन्य लोगों के विरुद्ध भी आवश्यक कार्यवाही की जाय। अन्यथा उत्तराखंड क्रांति दल इस प्रकरण पर जन भावनाओं के अनुरूप व्यिपक आंदोलन करने को बाध्य होगा।

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