हिमालय क्षेत्र की समृद्ध वनस्पतियां आयुष क्षेत्र में संभावनाओं के द्वार खोल सकती हैं और पैदा कर सकती हैं रोजगार: सर्बानंद सोणोवाल केंद्रीय मंत्री

देहरादून: केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने असम के मुख्‍यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के साथ भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक का गुवाहाटी में शुक्रवार को उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम, त्रिपुरा के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ-साथ मेघालय, नगालैंड के तथा पूर्वोत्‍तर के अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। इस मौके पर केंद्रीय आयुष और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. महेंद्रभाई मुंजपरा, आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा तथा मंत्रालय एवं राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने पूर्वोत्तर राज्यों की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में शामिल असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा जैसे राज्‍यों ने आयुष की स्थिति और राज्‍यों में चल रहे प्रमुख आयुष कार्यक्रमों की प्रगति पर विस्तृत प्रजेंटेशन दिया। कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अलो लिबांग, मणिपुर के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. सपम रंजन सिंह, मिजोरम के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. आर लालथंगलियाना, सिक्किम के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री कुंगा नीमा लेप्चा और त्रिपुरा के वित्त मंत्री प्राणजीत सिंघा रॉय ने भी शिकरत की और विचार-विमर्श किया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने कहा, ‘‘हमने देश में आयुष चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार पर बहुत सार्थक चर्चा की। बाकी दुनिया के साथ-साथ हमारे खूबसूरत हिमालय क्षेत्र में भी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का महत्व और लोकप्रियता काफी बढ़ी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने लोगों के जीवन की गुणवत्ता को समृद्ध करने के लिए पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के सदियों पुराने और सिद्ध लाभों को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। मोदी जी ने न केवल भारत में पारंपरिक चिकित्सा के उपयोग को प्रोत्साहित किया है बल्कि स्वास्थ्य देखभाल समाधानों की एक समग्र श्रृंखला विकसित करने के लिए आधुनिक चिकित्सा के साथ पारंपरिक चिकित्सा में निवेश, इनोवेशन और इनको एकीकृत करने के लिए वैश्विक आंदोलन का नेतृत्व भी किया है। मोदी जी के मार्गदर्शन के तहत् देश भर के सभी 19 एम्स में आयुष विभाग की स्थापना की जा रही है और इसी भावना के साथ मैं पूर्वोत्‍तर के सभी राज्‍यों से अपने राज्‍यों में सभी प्रमुख अस्पतालों में एकीकृत आयुष विभाग स्थापित करने की संभावना तलाशने की अपील करता हूं। आज हमें अपने राज्‍य के सभी प्रमुख अस्पतालों में एकीकृत चिकित्सा विभाग स्थापित करने के लिए एक आंदोलन शुरू करने का यह अनूठा अवसर मिला है, जिससे देश भर में एकीकृत चिकित्सा की अवधारणा को लोकप्रियता मिलेगी और उसका अनुकरण किया जाएगा। हम पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को और बढ़ावा देकर और विशेष रूप से देश के हिमालयी क्षेत्र में रोजगार तथा व्यापार को बढ़ावा देकर, आयुष आधारित आर्थिक विकास का केंद्र बनकर मोदी जी के दृष्टिकोण को साकार कर सकते हैं।’
चर्चा के दौरान अरुणाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अलो लिबांग ने कहा कि वह देश के इस हिमालयी राज्य में पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए आयुष हेल्‍थ केयर सर्विस का निदेशालय स्थापित करने की योजना बना रहा है। मणिपुर के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. सपम रंजन सिंह ने पुष्टि की कि लोकतक झील के बीच में एक विशेष पंचकर्म केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है। मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. आर लालथंगलियाना ने भी पारंपरिक चिकित्सा के लाभ की सराहना की और बताया कि कैसे आयुष ग्राम पहल और जन आरोग्य समिति राज्य में चिकित्सा की आयुष प्रणाली को लोकप्रिय बना रही है। आयुष मंत्रालय, राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) की केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) के माध्यम से संबंधित राज्य वार्षिक कार्ययोजना (एसएएपी) के जरिए राज्‍यों द्वारा प्रस्तावित विभिन्न गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के प्रयासों का समर्थन कर रहा है। एनएएम भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की प्रमुख योजना है।

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