#उत्‍तराखंड की आर्थिकी का मजबूती का आधार #बागवानी

देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज। उत्‍तराखंड की आर्थिकी को बागवानी मजबूत कर रही है। यहां के किसान परंपरागत खेती के बजाए बागवानी को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। कई किसान बागवानी अपनाकर खूब लाभ अर्जित कर रहे हैं। सेब और कीवी की बागवानी लोगों को खूब भा रही है। बागवानी में फलों, फूलों, पौधों, मसालों, औषधीय फसलों का प्रमुख स्थान है। जिससे किसानों की आय के साथ-साथ जीवनस्तर में भी सुधार हो रहा है। कृषि में केवल एक ही प्रकार या प्रजाति का बड़ी मात्रा में उत्पादन किया जाता है, जबकि बागवानी अपने अंदर सभी प्रजातियों का विज्ञान समेटे है। पुष्प विज्ञान, फल विज्ञान आदि विभाग कृषकों को भरपूर सुविधा के साथ गुणवत्ता का भी ध्यान देते हैं। इस दिशा में युवा भी खासा रुचि ले रहे हैं।
किसी भी चीज में प्रशिक्षण लेना उसकी कार्यकुशलता को गति देता है। फिर प्रशिक्षण बागबानी का हो तो बहुत ही उपयोगी साबित होता है। मगर वक्त बदलने के साथ इसमें युवाओं की बढ़ती रुचि को देखते हुए कई ऐसे संस्थान हैं जिन्होंने इसमें प्रशिक्षण देना शुरू किया, बल्कि उनके लिए रोजगार के तमाम अवसर खोल दिए। इन प्रशिक्षण कार्यालयों में युवा लगातार आवेदन कर रहे हंै और अपने भविष्य की रूपरेखा तय कर रहे हैं।
बागवानी एक विकासशील विधि होने के चलते बागवानी अपने साथ रोजगार के अवसर लेकर चलती है। बागबानी से उपजे फल, फूल आदि का व्यवसाय करके किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है। बागवानी क्षेत्र में कार्य कर रहे किसान तथा उसका परिवार साथ ही साथ बागवानी क्षेत्र से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए लोगों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाता है। इसी तरह बहुत सारे रोजगार के अवसर बागबानी को नए युग का क्रांतिकारी क्षेत्र बनाते हैं। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों द्वारा सेब और कीवी की खेती की जा रही है। सेब की विभिन्न प्रजातियों का उत्पादन कर राज्य के बागवान खुशहाल बन रहे हैं। राज्य में कीवी बागवानी की सफलता को देखते हुए कई बागवानों ने बागवानी बोर्ड व उद्यान विभाग की सहायता से कीवी के बाग विकसित किए हैं। कोका कोला इंडिया और इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजी के सहयोग से प्रदेश में चल रही “उन्नति एप्पल योजना“ के लाभकारी परिणाम सामने आ रहे हैं। उनके द्वारा एक हजार बगीचों का कार्य पूरा किया गया है और लगभग चालीस हजार लोगों को इसके अंतर्गत ट्रैनिंग प्रदान की गयी है। इससे राज्य में किसानों की आय में तेजी से वृद्धि हो रही है। राज्य के लोगों की बागवानी की ओर बढ़ती रुचि को देखते हुए प्रदेश सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाने शुरु कर दिए हैं। राज्य सरकार ने 18 हजार पॉलीहाउस की स्थापना के लिए 280 करोड़ की योजना को स्वीकृति दी है। सेब उत्पादन को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने के लिए एप्पल मिशन के तहत 35 करोड़ की योजना को भी प्रारंभ किया गया है। राज्य में उच्च मूल्य वाली फसलों कीवी, ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी आदि को बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तराखंड की सेब उत्पादन में विशेष पहचान बने, इसके लिए गुणवत्ता व पैकिंग पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उत्तराखंड की जलवायु में काफी विविधता पाई जाती है क्योंकि इसकी भू संरचना भिन्न-भिन्न स्थानों में भिन्न-भिन्न पाई जाती है। मौसम में भी हमेशा बदलाव होता रहता है लेकिन यह प्रदेश शीत जलवायु की श्रेणी में आता है, जोकि उच्च मूल्य वाली बागवानी फसलों के उत्पादन के लिए काफी उपयुक्त है। उत्तराखंड राज्य की भौगोलिक स्थिति बागवानी फसलों के लिए बेहद उपयुक्त है जिसमें की विगत वर्षों से बागवानी के उत्पादन में उत्तराखंड राज्य ने प्रगति की है।

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