#बीज #बम #अभियान #सप्ताह का समापन, 2 लाख से अधिक बीज बम जंगलों में डाले गए

देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज। खेल खेल में पर्यावरण संरक्षण एवं मानव और वन्य जीवों के बीच बढ़े संघर्ष को कम करने के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी के द्वारा शुरू किए गए बीज बम अभियान सप्ताह का समापन ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों के द्वारा बनाए बीज बम को जंगलों में डाल कर किया गया। वर्ष 2019 से 9 जुलाई से 15 जुलाई तक बीज बम अभियान सप्ताह मनाया जाता है। इस बार अत्यधिक वर्षा होने से राज्य के स्कूलों में अवकाश होने के कारण स्कूली बच्चे स्कूल में बीज बम अभियान सप्ताह नहीं मना पाए। कुछ बच्चों के द्वारा घर पर अपने परिवार के साथ बीज बम अभियान सप्ताह मनाया गया। #स्कूल खुलने पर बच्चे अभियान को जारी रखेंगे।

# इस वर्ष बीज बम अभियान में उत्तराखंड के 350 ग्राम पंचायत, 250 स्वैच्छिक संगठनों, विश्व विद्यालयों के साथ भारत के 18 राज्यो व पड़ोस के 4 देशों जिसमें नेपाल, श्रीलंका, साउथ अफ्रीका, बंग्ला देश में एक हजार स्थानों पर बीज बम अभियान अभियान सप्ताह मनाया गया। #सप्ताह के डोरानं विभिन्न सब्जियों कद्दू, तोरी, लोकी, मक्का, शहतूत आदि के 2 लाख से अधिक बीज बम लोगो के द्वारा जंगलों में डाले गए। #बीज बम अभियान अब सप्ताह से भी आगे निकल गया है अब विभिन्न विभागों, संगठनों व शिक्षा संस्थानों के लोग वर्ष भर अपनी सुविधा व जलवायु के अनुसार बीज बम बना कर जंगलों में डालते है। #इस वर्ष बीज बम अभियान से कुछ नए संगठन जुड़े जिनमें आनंद मयी आश्रम, रोटरी क्लब, कासा, माउंटेन हब आदि शामिल है।# जनपद उत्तरकाशी के विकास खंड भटवाड़ी के समस्त ग्राम पंचायतों में डॉ अमित ममगाईं के नेतृत्व में बीज बम अभियान सप्ताह मनाया गया।
# कीर्ति नगर से देव प्रयाग तक लगभग 12 हजार बीज बम रोटरी क्लब अलकनंदा व शाश्वत शिक्षा संस्थान ने जंगलों में डाले। वहीं कासा, लोकचेतना मंच, जागृति लोक कला मंच जौनसार, आगाज फेडरेशन, माउंटेन हब, बुराश परियोजना, पर्वतीय विकास शोध केंद्र, डालियों का दगड़िय, होप , रीप परियोजना, जगदीश चन्द्र जीतू जैसे संगठनों ने दो सौ से अधिक गांव में बीज बम अभियान सप्ताह मनाया। #इस वर्ष खास बात यह रही कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत जी ने बीज बम और गढ़ भोज को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात को स्वीकारा और क्रियान्वन का आश्वासन दिया । #बीज बम अभियान सप्ताह के दौरान राज्य के अलग अलग स्थानों पर हुए कार्यक्रम में राज्य में वनों के प्रकार पर भी चर्चा हुई। लोगो का मानना है कि जब प्रदेश में वनों की का रकबा ओसत मात्रा से अधिक है तो फिर वन्य जीव बस्ती की ओर क्यों आ रहे है?

#अब समय आ गया है कि वनों के प्रकार पर चर्चा हो। एकल वनों के स्थान पर विविधता वाले वनों के साथ शाकाहारी जीवों को भोजन उपलब्ध कराए ऐसे बीज बम डालने की बड़े स्तर पर तैयारी सरकार और समाज करे। बीज बम अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि बीज बम अभियान देश के साथ विदेशो में भी शुरू हुआ है। अभियान धीरे धीरे राज और समाज में पैठ बना रहा है। अभी हमारा फोकस दो बातों पर है एक तो सम्पूर्ण राज, समाज को अभियान का हिस्सा बनाना है दूसरा वनों में ऐसे बीज बम डालने है जिससे कुछ न कुछ वन्य जीवों के लिए भोजन मिले, वह बेल, तना, पती फल , सब्जी जो भी हो बस जानवरों के आहार के लिए हो। अभी हमारा मकसद किसी तरह के बड़े पोधों य वनों को विकसित करना नहीं है अभी सिर्फ और सिर्फ वन्य जीवों के लिए भोजन उपलब्ध कराना एक मात्र मकसद है।

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