मिस एशिया आकांक्षा सिंह ने नॉनस्टॉप 12 घंटे ट्रेडमिल पर 60 किमी वॉक रन कर किया मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन

-समाज में मानसिक भलाई को बढ़ावा देने के लिए मेरी तरफ से छोटी सी पहलः आकांक्षा

देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज। मिस एशिया 2017 की रनर अप रह चुकी देहरादून की आकांक्षा सिंह ने 12 घंटे ट्रेडमिल पर चलने, दौड़ने की पहल पूरी की। उन्होंने 12 घंटे की इस वॉक रन के दौरान कुल 60 किलोमीटर की दूरी तय की।मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता का समर्थन करने के लिए, आकांक्षा द्वारा यह पहल की गई।आकांक्षा ने इस पहल को सुबह 9 बजे बंजारावाला स्तिथ ट्रांसफॉर्मर्स जिम में शुरू किया। पूरे 12 घंटे चलने के बाद उन्होंने इससे रात के 9 बजे समाप्त किया।अपनी इस पहल के पीछे, आकांक्षा ने अपनी बहन और ट्रेनर अपेक्षा पुंडीर को श्रेय दिया, जिन्होंने उन्हें इस पहल के लिए प्रशिक्षित किया है।

उन्होंने अपनी मां संतोष पुंडीर, पिता भंवर सिंह पुंडीर और भाई अनुभव एवं प्रभात पुंडीर को भी इस पहल में निरंतर सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया। 12-घंटे ट्रेडमिल वॉक रन के बारे में अपना अनुभव साझा करते हुए। आकांक्षा ने कहा, “यह 12-घंटे का अनुभव मेरे लिए बहुत अविश्वसनीय रहा, और मेरी सभी अपेक्षाओं को पार कर गया। ट्रेडमिल पर चलते वक्त मैं काफी उत्साहित महसूस कर रही थी और मन में कई सारी भावनाएँ आ रही थीं। मेरे परिवार  के साथ साथ, और कई लोगों ने सोशल मीडिया लाइव प्लेटफॉर्म के माध्यम से मेरे साथ जुड़ कर मेरी इस पहल का समर्थन करा और मुझे पूरे समय प्रेरित करने के लिए आगे आए। मैं उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ।”आकांक्षा ने अपनी पहल के बारे में जानकारी देते हुए कहा, आज की दुनिया में, अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए अच्छा मानसिक स्वास्थ्य होना बेहद जरुरी है। मानसिक स्वास्थ्य पूरी दुनिया में एक बढ़ती समस्या बन गया है, और इसमें हमारा देश भारत भी शामिल है। मानसिक रोग जैसे की एनजाइटी और डिप्रेशन बढ़ते समय के साथ बहुत आम हो गया है, और खासकर की युवाओं में। उन्होंने बताया मेरा पूरा परिवार भी इस रोग से गुजर चुका है। मेरी मां नैदानिक अवसाद की मरीज हैं। मेरे पिता ने मेरी माँ का इस कठिन बीमारी से जूझने में बहुत साथ दिया है। मैं हमेशा से ही मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने के लिए कुछ करना चाहती थीं, और मुझे आशा है कि आज मेरी यह पहल मानसिक रोग के जरुरतमंदों की मदद करेगी।” इस अवसर पर बोलते हुए, आकांक्षा की मां संतोष पुंडीर ने कहा, “इस कठिन पहल को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए मुझे अपनी बेटी पर बेहद गर्व है। मैं नैदानिक अवसाद रोग की वजह से अपने जीवन में एक बहुत बुरे दौर से गुजरी हूँ। शुरुआत में हमारे परिवार में किसी को भी मेरी इस बीमारी के बारे में कुछ नहीं पता था, क्योंकि हमारे समाज में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कोई जागरूकता नहीं है। मैं चाहती हूं कि समाज की यह गलत मानसिकता जल्द ही बदल जाए और सभी मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक हों।” आकांक्षा सिंह मुंबई स्थित एक पेशेवर मॉडल, अभिनेता और फिटनेस उत्साही हैं। देहरादून में जन्मी आकांक्षा को दक्षिण कोरिया में आयोजित सौंदर्य प्रतियोगिता मिस एशिया अवार्ड इंडिया 2017 के तीसरे रनरअप के खिताब से सम्मानित किया गया है। वह आगामी तेलुगू फिल्म में अभिनय करेंगी, जिसका शीर्षक नेदेविदुथाला है जो इस साल जून में रिलीज होने वाली है।

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