हरिद्वार। नागा संन्यासियों का सबसे बड़ा श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, अग्नि और आह्वान अखाड़ा की बुधवार को धर्म ध्वजा स्थापित हो गई। विधि-विधान से तीनों अखाड़ों ने अपनी अलग-अलग ध्वजा फहराई। बृहस्पतिवार को जूना और अग्नि अखाड़ा की सामूहिक पेशवाई निकाली जाएगी। इनकी पेशवाई में किन्नर अखाड़ा भी साथ चलेगा। शोभायात्रा में देवभूमि की संस्कृति की झलक दिखेगी। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में किन्नर अखाड़ा पहली बार हरिद्वार महाकुंभ में धर्मध्वजा स्थापित कर जूना अखाड़े के साथ मिलकर शाही स्नान करेगा। दंडी स्वामी भी हरिद्वार में जूना अखाड़ा के साथ पहली बार शाही स्नान में भाग लेंगे।
जूना अखाड़ा की धर्म ध्वजा बुधवार शाम करीब छह बजे बिरला पुल, हनुमान मंदिर के पास फहराई गई। इसमें आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि, श्री पंच अग्नि अखाड़ा आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मनिष्ठ स्वामी रामकृष्णानंद, किन्नर अखाड़े आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, आह्वान के प्रमुख अध्यक्ष सत्यागिरि, अखाड़ा संरक्षक श्रीमंहत, हरिगिरि, अध्यक्ष श्रीमंहत प्रेमगिरि, रमता पंच श्री महंत केदारपुरी, महामंडलेश्वर विमल गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी वीरेंद्रानंद गिरि, श्रीमहंत महेश गिरि, श्रीमहंत मोहन भारती, श्रीमहंत गणपत गिरि, श्रीमहंत शैलंद्र गिरि, श्रीमंहत साधनानंद महामंडलेश्वर विष्णुदेवानंद, दूदेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमंहत नारायण गिरि, अग्नि अखाड़े के सभापति ब्रह्मचारी मुक्तानंद बापू, महामंडलेश्वर पवित्रानंद गिरि आदि मौजूद रहे।