उत्तराखंड में आप CM के चेहरे को सामने रखकर चुनाव लड़ेगीः मनीष सिंसौदिया

देहरादून। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी (आप) मुख्यमंत्री के चेहरे को सामने रखकर चुनाव लड़ेगी। यह चेहरा ऐसा होगा जिस पर प्रदेश की जनता गर्व करेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी दिल्ली मॉडल को लागू किया जाएगा।
राजपुर रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में बीते 20 सालों से सरकार को जो मॉडल चल रहा है उसकी तुलना आज दिल्ली के पांच साल के मॉडल से की जा रही है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों से छात्र आज जेईई और एनआइआइटी में सफल हो रहे हैं। जब दिल्ली में सस्ती बिजली, पानी, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकती हैं तो उत्तराखंड में क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि इन चुनावों में निश्चित रूप से उत्तराखंड के लोग बदलाव लाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी कांग्रेस से आए मंत्रियों और भाजपा के मुख्यमंत्री की सरकार चल रही है। प्रदेश के लोग भाजपा व कांग्रेस की मिली जुली सरकार के बाद अब तीसरे विकल्प पर जाएंगे। श्री सिसौदिया ने कहा कि आप ने प्रदेश में बूथ स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है। संगठन को और मजबूत किया जा रहा है। प्रदेश में पूरी मेहनत से काम किया जाएगा और यहां आप की सरकार बनेगी। प्रदेश में ईमानदारी की सरकार बनाई जाएगी। यहां संसाधनों की कोई कमी नहीं है। इनका अभी तक ढंग से इस्तेमाल नहीं हो पाया है। आप इनका सही इस्तेमाल कर प्रदेश के विकास में इसे खर्च करेगी। गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजधानी वहीं बनेगी जहां जनता की इच्छा होगी लेकिन इससे पहले स्वास्थ्य व शिक्षा जैसे अहम मसले भी सामने हैं।

इससे पूर्व सुभाष रोड स्थित एक होटल में एजुकेशन इंडिया के प्रिंसीपल कॉनक्लेव में मीडिया से बातचीत में सिसौदिया ने कहा कि उत्तराखंड वैश्विक शैक्षिक हब के रूप में स्थापित हो सकता है। देवभूमि के पास उपलब्ध संसाधन, पांरपरिक ज्ञान को यदि सही रूप दे दिया जाए तो यह नामुमकिन नहीं है। जरूरत केवल गंभीरता से काम करनी की है। उत्तराखंड की अब तक की सरकारों ने इस दिशा में गंभीरता से काम ही नहीं किया। नई शिक्षा नीति की तारीफ करते हुए सिसौदिया ने कहा कि यदि हम अपने पारंपरिक ज्ञान को मूल चेतना से जोड़ते हुए आगे बढ़े तो भारत को विश्व गुरू बनने से कोई नहीं रोक सकता। उत्तराखंड एक ड्रीम एजुकेशन डेस्टिनेशन के रूप में भला क्यों न उनके विचार में आए। उत्तराखंड ऐसे एजुकेशन हब के रूप में विकसित हो सकता, जहां पूरे विश्व का अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाने का सपना देखें। राज्य के विषम भौगोलिक हालात में इस सपने के साकार होने के लिए उन्हें दृढ इच्छाशक्ति चाहिए। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कई देश-राज्यों ने ऐसे ड्रीएम डेस्टिनेशन बनाए भी हैं। यहां की सरकारों ने इस दिशा में काम ही नहीं किया। इससे पहले कॉनक्लेव में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने देश की शिक्षा व्यवथा, नई शिक्षा नीति और दिल्ली सरकार के प्रयोगों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि देश में इस वक्त पांच प्रति बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा मिल रही है।बाकी 95 प्रतिशत सामान्य रूप से पढ़ रहे हैं। देश के समग्र विकास के लिए शतप्रतिशत बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देना जरूरी है। इस मौके पर सीबीएसई के आरओ रणवीर सिंह, एजुकेशन इंडिया के मंजीत जैन, निशांत शर्मा, मनीष अग्रवाल, पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप,अरुण कुमार यादव,आदि भी मौजूद रहे।

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