देहरादून। नगरनिगम क्षेत्र देहरादून के वार्ड नंबर 85 के अंतर्गत विष्णुपुरम, मोथरोवाला में आवासीय कालोनी के बीच में अवैध रूप से संचालित हो रही गौशाला स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। गौशाला का संचालन आवासीय कालोनी के बीच में होने से और गौशाला की गंदगी से आस-पास के लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नगरनिगम से कई बार इस अवैध रूप से संचालित गौशाला को बंद कराने की मांग की जा चुकी है लेकिन नगरनिगम द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने से लोगों में रोष व्याप्त है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगरनिगम को लोगों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है।
इस गौशाला का संचालन राजेंद्र प्रसाद कोठियाल द्वारा अवैध रूप से कराया जा रहा है। गौशाला का गोबर लोगों के घरों के पास रखे जाने से लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गौशाला से निकलने वाले पानी की निकासी की भी कोई व्यवस्था नहीं है जिस कारण यह पानी जमा रहता है। गौशाला की गंदगी के चलते आस-पास के लोगों के लिए कई बार तो सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। गर्मी के सीजन में तो इस स्थान पर मच्छर और कीटाणु काफी संख्या में पैदा हो जाते हैं जिस कारण बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है। इस गौशाला में 10-12 गायें पाली जा रही हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारे मकानों की खिड़कियों के सामने गोबर के ढेर लगा दिए गए हैं, गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था न होने से वहां पर कीचड़ की समस्या बराबर बनी रहती है। गोबर की दुर्गंध के कारण घरों में रहना मुकिश्कल हो रहा है। हमारे द्वारा गौशाला संचालक से कई बार इस गौशाला को बंद करने के संबंध में अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन उन्होंने इसे बंद नहीं किया। इसकी शिकायत पूर्व में कई बार नगरनिगम से की जा चुकी है लेकिन आज तक कोई कार्रवाई न होने से लोगों में रोष पनप रहा है। आवासीय कालोनी के बीच में अवैध रूप से संचालित हो रही इस गौशाला के कारण जनस्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। अब गर्मी का सीजन आने वाला है, जिस कारण स्थिति और विकट हो सकती है। शिकायत के बावजूद कोई कार्यवाही न किए जाने से इस मामले में नगरनिगम की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, आखिर नगरनिगम को लोगों के स्वास्थ्य की क्या कोई चिंता नहीं है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जनभावनाओं और जनस्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए आवासीय बस्ती के बीच में अवैध रूप से संचालित हो रही इस गौशाला को शीघ्र बंद कराने की कार्यवाही करें। अन्यथा हमें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी नगरनिगम की होगी।