देहरादून। काशी विश्वनाथ की तर्ज पर ही गंगा कॉरिडोर बनाने की कवायद तेज हो गई है। अर्द्धकुंभ से पहले सरकार और प्रशासन युद्ध स्तर पर कार्य करने में जुटा हुआ है ताकि गंगा दर्शन को पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो।
हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे धार्मिक शहरों के लिए प्रस्तावित गंगा कॉरिडोर परियोजना का काम अगले अर्द्धकुंभ से पहले पूरा कर लिया जाएगा। उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण(उडा) ने इसके लिए मास्टर प्लान तैयार करने की कार्यवाही शुरू कर दी है।
उत्तराखंड सरकार हरिद्वार स्थित हर की पैड़ी, भारत माता मंदिर, चंडी देवी, मनसा देवी, कनखल, शांतिकुंज जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों के साथ ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट, स्वर्गाश्रम, परमार्थ निकेतन, त्र्यंबकेश्वर मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, भरत मंदिर, रामझूला जैसे क्षेत्रों को केंद्र में रखते हुए री-डिवलेपमेंट प्लान बना रही है।
धामी सरकार का लक्ष्य काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर गंगा कॉरिडोर तैयार करने की है। इस परियोजना पर तेजी से अमल के लिए उडा के अधीन विशेष रूप से हरिद्वार ऋषिकेश पुनर्विकास कम्पनी लिमिटेड का गठन किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अर्द्ध कुंभ के अवसर पर देश’-विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने को हरिद्वार में गंगा दर्शन करने को पहुंचेगे।
इसी के साथ उडा ने चिह्नित क्षेत्रों का मास्टर प्लान बनाने के लिए, एजेंसी चयनित करने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी है। सरकार का वर्ष 2027 में प्रस्तावित अगले अर्द्धकुंभ से पहले परियोजना पर काम पूरा करने का है। 2027 के दौरान ही प्रदेश में अगला विधानसभा चुनाव भी होगा।
इस तरह आवास विभाग इससे पहले पौराणिक महत्व के इन शहरों को एक मॉडल के तौर पर विकसित करने की तैयारी कर रही है। सचिव आवास एसएन पांडेय के मुताबिक, मास्टर प्लान बनने के बाद परियोजना पर तेजी से काम किया जाएगा, मास्टर प्लान के लिए जल्द एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा।