कर्मकार कल्याण बोर्ड की कमिश्नरी जांच नाकाफी, हो सीबीआई जांचः मोर्चा  

-कर्मकार कल्याण बोर्ड के 150 करोड़ की खरीद व स्किल करने का भी है महाघोटाला
-फर्जीवाड़ा कर 107 बीघा जमीन हथियाने  का भी है मामला
-प्राइवेट अस्पतालों को करोड़ों रुपए की बंदरबांट का है भी मामला
-करोड़ों रुपए  के खाद्यान्न किट घोटाले का भी है मामला

विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि कल ही सरकार द्वारा कर्मकार कल्याण बोर्ड के साइकिल घोटाले की जांच के मामले में कमिश्नरी जांच के आदेश दिए हैं, जोकि सराहनीय कदम है, लेकिन ये नाकाफी है तथा इसकी  सीबीआई जांच होनी ही चाहिए। नेगी ने कहा कि पूर्व मंत्री एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष श्री हरक सिंह रावत की सरपरस्ती में कर्मकार कल्याण बोर्ड ने लगभग 150 करोड रुपए की खरीद की, जिसकी खरीद एवं वितरण के बारे में कुछ अता-पता नहीं है द्य वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2021 तक 81173 लोगों को स्किल करने   के नाम पर 33.77 करोड रुपए जी एंड जी स्किल डेवलपर्स को भुगतान किए गए तथा लगभग 100 करोड रुपए मूल्य की घटिया साइकिल, वेल्डिंग मशीन, टूल किट, सोलर लालटेन, छाते व अन्य सामान की खरीद की गई द्यइसके अलावा लगभग 3.25 लाख खाद्यान्न किट कोरोना के समय लगभग 35 करोड रुपए में खरीदी गई द्यइसके साथ-साथ श्री हरक सिंह रावत द्वारा        शंकरपुर ,सहसपुर में लगभग 107 बीघा भूमि फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए हथियाने का मामला भी  बहुत बड़ी जालसाजी हैद्य नेगी ने कहा कि इसी क्रम में कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से करोड़ों रुपया अपने मेडिकल कॉलेज (डीआईएमएस) एवं अन्य प्राइवेट अस्पतालों को इलाज के नाम पर बंदरबांट किए का दाग भी उनके माथे पर है द्य मोर्चा सरकार से मांग करता है कि पूरे प्रकरणों की सीबीआई से जांच कराएं। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व अमित जैन मौजूद थे।

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