धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल, दिल्ली की तरफ से मेरठ में कार्डियक केयर परामर्श सेवाओं का आयोजन

-हर महीने के दूसरे और चौथे शुक्रवार को धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल, दिल्ली के विशेषज्ञ मेरठ में मिलेंगे

मेरठ: आजकल युवाओं में अनियमित जीवन शैली, अनुचित खानपान, व्यायाम की कमी व तनाव के चलते उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी दिक्कतें हो रही हैं, जिससे कई प्रकार की हृदय संबंधित समस्या उत्पन्न होती हैं, जो आगे चलकर  मृत्यु का कारण बन सकती है। भारत में हृदय संबंधित रोगों के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, जिसमें हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, रूमैटिक हार्ट डिजीज और हार्ट वॉल्व डिजीज जैसे रोग शामिल हैं। इस प्रकार के मामले मेरठ और उसके आसपास के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल, दिल्ली द्वारा मेरठ में ओपीडी परामर्श सेवाओं का आयोजन किया गया। ओपीडी में डॉ. गौरव महाजन, डायरेक्टर एंड हेड, सीटीवीएस ( कार्डियक सर्जरी ) व डॉ. अमित बाथला, सीनियर कंसलटेंट, सीटीवीएस ( कार्डियक सर्जरी ) द्वारा रोगियों को जांच एवं उचित परामर्श दिया गया।

यह आयोजन मेरठ के मंगल पांडे नगर में गढ़ रोड स्थित, भाग्यश्री हॉस्पिटल में शुक्रवार को आयोजित किया गया, जो कि रोगियों की सेवा हेतु हर महीने के दूसरे और चौथे शुक्रवार को प्रातः 11 से दोपहर 2 बजे तक आयोजित किया जायेगा। इस कार्यक्रम में धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल, दिल्ली के स्वास्थ्य विशेषज्ञ रोगियों की जांच एवं परामर्श हेतु उपस्थित रहेंगे। धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल का प्रयास रहता है कि लोगों को समय रहते उचित परामर्श मिल सके। ताकि एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके।
डॉ. गौरव महाजन, डायरेक्टर एंड हेड, सीटीवीएस ( कार्डियक सर्जरी ) ने बताया कि, पश्चिमी दुनिया के लोगों की तुलना में, भारतीय नागरिकों में अनुवांशिकी समस्याओं के कारण दिल से संबंधित बीमारियों का खतरा अधिक रहता है। इसके अलावा आज के आधुनिक दौर का युवा मदिरापान, तंबाकू के सेवन जैसी आदतों से ग्रसित है जिसके परिणामस्वरूप अधिकतर भारतीय युवाओं में हृदय से संबंधित मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। हृदय संबंधी रोगों के सफल इलाज हेतु प्रारंभिक स्टेज पर ही जांच आवश्यक है, जिससे रोगी को एक सफल उपचार प्राप्त हो सके।

डॉ. अमित बाथला, सीनियर कंसलटेंट, सीटीवीएस ( कार्डियक सर्जरी ) ने बताया कि आज की बदलती जीवन शैली में हृदय को स्वस्थ रखना बहुत ही जरूरी है। इसलिए आपको नियमित व्यायाम, योग अभ्यास और पोषण युक्त आहार लेते रहना चाहिए। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए अपनी जांच करवाते रहें जिसमें अपना वजन नियंत्रित रखें, बीपी 120/80 एम.एम.एच.जी, फास्टिंग शुगर 110 मिलीग्राम के आसपास, कोलेस्ट्रॉल 180 मिलीग्राम से कम हो इसके साथ ही यह ध्यान रखें कि धूम्रपान, शराब इत्यादि का सेवन न करें, यदि आपको किसी भी प्रकार की हृदय से संबंधित समस्या है या इसके लक्षण प्रतीत हो रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल दिल्ली के सीओओ, श्री नवीन शर्मा जी ने बताया कि हमारा उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। बीमार होने से पहले ही लोगों को अपने लक्षणों पर ध्यान देकर तुरंत अस्पताल पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि इलाज से बेहतर बचाव है और उसके लिए आपको समय रहते अपनी जांच करवाते रहना चाहिए, खुद को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम, पौष्टिक आहार और व्यवस्थित जीवन शैली को अपनाना चाहिए। साथ ही किसी भी रोग के लक्षण दिखने पर बिना लापरवाही किए तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

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