आकाश इंस्टीट्यूट के छात्र रवित व ईशान ने उत्तराखंड के एन.टी.एस.ई. (चरण-1) में दूसरी व तीसरी रैंक हासिल की

-उत्तराखंड के एन.टी.एस.ई. (चरण-1) में आकाश इंस्टीट्यूट के 7 अन्य छात्रों ने रैंक 3 प्राप्त किया

देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज। आकाश इंस्टीट्यूट के छात्रों, रवित चतरथ और ईशान जाजोदिया ने राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (एन.टी.एस.ई.) चरण-1 में पूरे उत्तराखंड में क्रमशः दूसरा और तीसरा रैंक हासिल किया है। छात्रों के बीच शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले रवित हरिद्वार के निवासी हैं, और उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध छात्रवृत्ति परीक्षा उत्तीर्ण की है। इस छात्रवृत्ति परीक्षा का उद्देश्य प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान करना और शैक्षणिक रूप से उनका विकास करना है। उन्होंने 200 में से शानदार 189 अंक हासिल किए तथा राष्ट्रीय परीक्षा के अगले चरण के लिए अर्हता प्राप्त की। 187 अंक प्राप्त करने वाले हरिद्वार के ईशान जजोदिया ने इस परीक्षा में तीसरा रैंक हासिल किया। एन.टी.एस.ई. चरण-1 परीक्षा में आकाश इंस्टीट्यूट के रवित और ईशान सहित कुल 7 छात्रों ने पूरे उत्तराखंड में सामान्य श्रेणी के अंतर्गत 180 से ज्यादा अंक हासिल किए। एन.टी.एस.ई. चरण-1 परीक्षा परिणामों में सामान्य श्रेणी के अंतर्गत शीर्ष 10 में रैंक हासिल करने वाले आकाश के अन्य प्रतिभाशाली छात्रों के नाम निम्नानुसार हैं।
आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (ए.ई.एस.एल.) के प्रबंध निदेशक आकाश चैधरी ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा, “हमारे 7 छात्रों ने पूरे राज्य में शीर्ष 10 में स्थान हासिल किया है, जो हमारे लिए गर्व की बात है। इस सफलता का श्रेय हमारे छात्रों की कड़ी मेहनत, उनके माता-पिता के सहयोग तथा आकाश में परीक्षा की उच्च गुणवत्तायुक्त तैयारी को जाता है। परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले सभी छात्रों को बहुत-बहुत बधाई। हम पूरी तरह आश्वस्त हैं कि, एन.टी.एस.ई. चरण- 1 में उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने के बाद हमारे छात्र एन.टी.एस.ई. चरण- 2 की परीक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं। मैं उन सभी छात्रों को शुभकामनाएँ देता हूँ।”
मौजूदा योजना के तहत, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में डॉक्टरेट स्तर तक तथा मेडिकल एवं इंजीनियरिंग जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में द्वितीय-डिग्री स्तर तक के पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करने के लिए एन.टी.एस.ई. छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। अब तक, देश में अनुसूचित जाति के लिए 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 प्रतिशत और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत तथा विकलांगता के न्यूनतम मानदंडों के तहत दिव्यांग छात्रों के समूह के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण के साथ 2,000 छात्रवृत्तियाँ प्रदान की गई हैं। प्रतिभाशाली छात्रों की पहचान में दो चरणों वाली चयन प्रक्रिया शामिल है। प्रत्येक राज्य ध् केंद्रशासित प्रदेश पहले चरण का आयोजन करता है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा दूसरे चरण का आयोजन किया जाता है। आकाश इंस्टीट्यूट का उद्देश्य अकादमिक जगत में सफलता हासिल करने की इच्छा रखने वाले छात्रों की मदद करना है। यहां पाठ्यक्रम एवं अध्ययन सामग्रियों के विकास के साथ-साथ अध्यापकों के प्रशिक्षण एवं निगरानी के लिए घरेलू स्तर पर एक केंद्रीकृत प्रक्रिया मौजूद है, जिसका नेतृत्व राष्ट्रीय शैक्षणिक टीम द्वारा किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों में, आकाश के छात्रों ने विभिन्न मेडिकल एवं इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं, तथा एन.टी.एस.ई., के.वी.पी.वाई. और ओलंपियाड जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में शानदार सफलता के रिकॉर्ड को बरकरार रखा है।

183 अंक प्राप्त करने वाली हरिद्वार की श्रेया कर्णवाल ने इस परीक्षा में सातवां रैंक हासिल किया
देहरादून के दीपांशु सती ने 182 अंक प्राप्त करके आठवां रैंक हासिल किया
181 अंक प्राप्त करने वाले हरिद्वार के आदित्य अरोड़ा ने नौवां रैंक हासिल किया
हरिद्वार के रेहांश चैधरी ने 181 अंक प्राप्त करके नौवां रैंक हासिल किया
हरिद्वार की श्रुति चहल ने 181 अंक हासिल करके नौवां रैंक हासिल किया