सहसपुर में गुर्जर सम्मेलनः वनों पर आधारित रहने वालों को मिलें सुविधाएं

विकासनगर। वनाधिकार आंदोलन की ओर से रविवार को सहसपुर में वन गुर्जर समाज का सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में वनों पर आधारित समुदायों की उपेक्षा पर चिंता जताते हुए प्रदेश में वनाधिकार कानून-2006 को लागू करने की मांग की गई। जिससे वनों पर आधारित समुदाय के लोगों को उनके व्यक्तिगत और सामुदायिक अधिकार मिल सकें।
वनाधिकार आंदोलन के प्रणेता और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश का 72 प्रतिशत हिस्सा वन क्षेत्र है। बावजूद इसके राज्य के निवासियों को अभी तक वनवासी घोषित नहीं किया गया है। जिससे यहां की भावी पीढ़ी का भविष्य बर्बाद हो रहा है। उन्होंने बताया कि वनाधिकार आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ता 18 अप्रैल को सभी संतों से मिलकर राज्य के लोगों को वनाधिकार दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा प्रदेश के निवासियों को वनवासी घोषित करते हुए उन्हें प्रतिमाह एक रसोई गैस सिलेंडर, बिजली, पानी निशुल्क दिया जाना चाहिए। परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही आवास बनाने के लिए लकड़ी, बजरी, पत्थर निशुल्क देने की व्यवस्था होनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों से जनहानि होने पर 25 लाख की क्षतिपूर्ति और फसल का नुकसान होने पर पांच हजार रुपए प्रति नाली मुआवजा दिया जाना चाहिए। इस दौरान यामीन अंसारी, गुलफाम जॉन, लियाकत अली, सब्बीर अहमद आदि मौजूद रहे।