देहरादून। आयुर्वेद के परंपरागत ज्ञान को समझने-जानने के अलावा इसके उपचार की सुविधा भी एक ही जगह पर मिले, तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है। वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 में ऐसा ही मौका उपलब्ध हो रहा है। विश्व स्तरीय इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ आयुर्वेद के हर एक पहलु पर बात करेंगे, तो विशेषज्ञ चिकित्सक डेलीगेट्स के साथ ही सामान्य लोगों को भी इसका उपचार उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए 12 तरह की ओपीडी पूरे समय एक्टिव रहेंगी। हर एक ओपीडी में दो-दो विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात रहेंगे, जिनसे परामर्श भी मिलेगा और उपचार भी।
परेड ग्राउंड देहरादून में यह कार्यक्रम 12 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है, जो कि 15 दिसंबर तक चलेगा। आयुर्वेद का विश्व स्तरीय यह कार्यक्रम पहली बार उत्तराखंड में हो रहा है। वर्ष 2002 से इस तरह के कार्यक्रम की शुरूआत हुई है। पिछले वर्ष गोवा को इस कार्यक्रम की मेजबानी मिली थी। उत्तराखंड इस आयोजन के लिए उत्साहित है और तैयारियों पर पूरा जोर है। वैसे भी, आयुर्वेद के लिहाज से उत्तराखंड की समृद्ध विरासत रही है। इसलिए यहां से इस कार्यक्रम के संदेश देश-दुनिया में प्रभावी ढंग से जाने तय माने जा रहे है।
अपर सचिव आयुष डा विजय कुमार जोगदंडे के अनुसार कार्यक्रम स्थल पर 12 ओपीडी सक्रिय रहेंगी। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। हर ओपीडी में दो-दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जा रही है। मकसद ये ही है कि कार्यक्रम का हिस्सा बनने वालों को आयुर्वेद का ज्ञान भी मिले, साथ ही उनके रोगों का निदान भी परंपरागत चिकित्सा से संभव हो पाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो-2024 परंपरागत आयुर्वेद चिकित्सा को समझने और जानने के लिए एक बेहतरीन अवसर है। देवभूमि में आयुर्वेद के विभिन्न पहलुओं पर विचार मंथन निश्चित तौर पर सभी के लिए उपयोगी साबित होगा। इसके अलावा, निशुल्क स्वास्थ्य शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुभव का लाभ भी लोगों को मिलेगा।
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