देहरादून। सरस्वती विहार विकास समिति अजबपुर खुर्द देहरादून के तत्वाधान में रावण की सारी सेना में शून्यता छा गई है अब एक ही उपाय बाकी था कि अहिरावण सहायता लेना, रावण ने ताली बजाकर अहिरावण को बुलाया और उसे राम लक्ष्मण को पाताल लोक ले जाने को कहा जैसे ही हनुमान को पता चला कि राम लक्ष्मण पाताल लोक में है तो हनुमान सीधे पाताल लोक पहुंचे रास्ते में हनुमान को मकरध्वज मिला जो उसका रास्ता रोक रहा था। हनुमान ने उसे बंदी बना दिया और पाताल लोक पहुंच गए पाताल लोक में हनुमान ने दोनों जल्लादों को और अहिरावण को मार कर राम लक्ष्मण लेकर वापस मकर ध्वज के पास आए, मकरध्वज को पाताल लोक का राजा बनाया गया और वहां रणभूमि में वापस आ गये रावण का रणभूमि में ललकार कर प्रवेश होता है।
राम रावण का युद्ध काफी समय तक चलता है युद्ध होने के बाद भी रावण नहीं मारा तो राम ने विभीषण से पूछा कि अनेक अस्त्र-शस्त्र चलाने पर भी रावण की मृत्यु नहीं हो रही है इस पर विभीषण जी बताते है कि रावण की नाभि में अमृत कुंड है अग्नि वाण का प्रयोग नाभि में करें इस प्रकार राम ने अग्निबाण का प्रयोग किया और रावण धारासाही हो गया। रामलीला में खजान दास विधायक राजपुर अखिल गढ़वाल सभा अध्यक्ष रोशन धस्माना जी क्षेत्रीय पार्षद विमल उनियाल समिति के अध्यक्ष पंचम सिंह बिष्ट सचिव गजेंद्र भंडारी वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएस चैहान उपाध्यक्ष कैलाश राम तिवारी वरिष्ठ मंत्री अनूप सिंह फर्त्याल कोषाध्यक्ष विजय सिंह रावत, मंत्री सुबोध मैठानी प्रचार सचिव सोहन सिंह रौतेला संयोजक मूर्ति राम बिजलवान सह संयोजक दिनेश जुवाल जयप्रकाश सेमवाल, जयपाल सिंह बत्र्वाल, सी एम पुरोहित मंगल सिंह कुटी गोविंद सिंह मेहर, मोहन सिंह भंडारी त्रिलोक सिंह सजवान सुमेर चंद्र रमोला पंडित शिव प्रसाद सेमवाल, निर्मला बिष्ट संगीता सेमवाल, बीना असवाल, आशीष गुसाई आदि उपस्थित थे।
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