रैंकर उप निरीक्षक परीक्षा की जांच करने से क्यों घबरा रही सरकारी मशीनरी: मोर्चा

विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि पुलिस उप निरीक्षक (रैंकर परीक्षा) 2014-15 में हुई भारी अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच करने में सभी सरकारी मशीनरी ने हाथ खड़े कर दिए हैं| पुलिस मुख्यालय ने तो सीधे तौर पर अपना पल्ला ही झाड़ लिया है | हैरत की बात यह है कि गृह विभाग जांच संबंधी पत्रावली कार्मिक विभाग को भेज रहा तथा कार्मिक विभाग गेंद फिर गृह विभाग के पाले में सरका रहा तथा फिर से गृह विभाग कार्मिक विभाग के पाले में गेंद सरका रहा है |यानी कोई भी जांच करने को तैयार नहीं है | मोर्चा द्वारा उच्च स्तरीय जांच को लेकर लगातार आंदोलन किया गया | नेगी कहा कि उक्त रैंकर उप निरीक्षक परीक्षा में लगभग 304 परीक्षार्थियों का परिणाम वर्ष 2016 में चयन समिति की सिफारिश पर घोषित किया गया, जिसमें लिखित परीक्षा ओएमआर शीट के माध्यम से कराई गई तथा परीक्षा उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद द्वारा संपन्न कराई गई थी| सूत्र बताते हैं कि उक्त लिखित परीक्षा में कई सेटिंगबाज अभ्यर्थियों/ जालसाजों ने ओएमआर शीट में बामुश्किल 30-40 प्रश्न हल किए तथा शीट कोरी छोड़ कर आ गए, जिसको बाद में ओएमआर शीट में सेटिंग-गेटिंग के आधार पर भरा गया, जिसके फलस्वरूप नकारा व जालसाज अत्याधिक अंक अर्जित करने में सफल हो पाए | अगर ओएमआर शीट की फॉरेंसिक जांच हो जाती तो बहुत बड़ा घोटाला सामने आ सकता था | मोर्चा शीघ्र ही उक्त मामले में मा. न्यायालय की शरण लगा लेगा | पत्रकार वार्ता में – मोहम्मद असद व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे |

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