स्कूलों को आत्मनिर्भर बनाने को शुरू की गई विद्यांजलि-दो योजना

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के करीब डेढ़ लाख प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल अपनी जरूरतों के लिए सिर्फ सरकार पर ही निर्भर नहीं रहेंगे। सरकारी व अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में शिक्षक, सामग्री, उपकरण जैसी अन्य आवश्यकताएं निजी क्षेत्र भी पूरी कराएगा। स्कूलों को सिर्फ संबंधित पोर्टल पर लागइन करके जरूरतें अपलोड करना होगा। पंजीकृत स्वयंसेवक अपनी पसंद के स्कूल-कालेजों में ज्ञान व कौशल की मांग पूरा कराएंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय, स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने विद्यांजलि 2.0 योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य राजकीय व अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों ज्ञान व कौशल बढ़ाने के लिए उनकी जरूरतें जैसे उपकरण, सामग्री व अन्य पूरा किया जाना है। योजना के तहत चिह्नित विद्यालयों को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकार के आगे हाथ नहीं पसारना होगा, बल्कि यह काम पंजीकृत स्वयंसेवक यानी निजी क्षेत्र से पूरा कराया जाएगा। ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले ही उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने सामाजिक दायित्वों के माध्यम से शैक्षिक उन्नयन कार्यक्रम कराया था, जिसमें कारपोरेट सेक्टर के माध्यम से कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। विद्यांजलि योजना की पहल केंद्र सरकार की आर्थिक सलाहकार गीता जोशी ने शुरू कराई है। इसके तहत पोर्टल पर पंजीकृत स्वयंसेवक अपनी पसंद के विद्यालयों से सीधे जुड़ेंगे, स्कूलों में ज्ञान व कौशल को साझा करेंगे और सहायता के रूप में जरूरत के हिसाब से उपकरण व सामग्री बिना धनराशि सौंपे उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रदेश के प्राथमिक व माध्यमिक राजकीय व एडेड कालेजों में सुविधाओं की कमी है। यह जरूर है कि सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों का भवन संवारा है और राजकीय माध्यमिक कालेजों को धन देने जा रही है। इसके बाद भी पुस्तकालय, प्रयोगशाला, खेल सामग्री आदि की कमी है। इस योजना से विद्यालयों की वर्षों पुरानी जरूरतें पूरी होंगी।
निदेशक माध्यमिक शिक्षा विनय कुमार पांडेय ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को लिखा है कि शासन ने विद्यांजलि 2.0 के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को जिला नोडल अधिकारी नामित किया है। जिला नोडल अधिकारी की लागइन आइडी व पासवर्ड पोर्टल पर दिया गया है। नोडल अधिकारी लागइन के बाद अपना पासवर्ड बदल लें। साथ ही यदि नोडल अधिकारी के दर्ज विवरण में गड़बड़ी है तो उसे ठीक करा दें। उन्होंने निर्देश दिया है कि विद्यांजलि योजना की गाइडलाइन का परीक्षण करके जिले के सभी राजकीय व अशासकीय सहायताप्राप्त कालेजों से संबंधित प्रक्रिया पूरी कराएं। शिक्षा निदेशक बेसिक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने इस योजना में सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक शिक्षा निदेशालय अब्दुल मुबीन को राज्य नोडल अधिकारी व सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जिला स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किया है।