देहरादून। वीर माधो सिंह भडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्विद्यालय में चल रहे फ़र्ज़ी डिग्री जाँच प्रकरण एवं दिन प्रतिदिन बढ़ रहे भ्रस्टाचार, परीक्षा एवं वित्तीय अनिमिताओ की शिकायतो को लेकर डी.ए.वी. छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में छात्र संघटनों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन प्रेषित किया था। छात्रों के आरोप प्रथम दृष्ट्या सही पाए जाने पर सरकार ने त्वरित कार्यवाही करते हुए आनन फानन में तकनीकी विश्विद्यालय के नए वाईस चांसलर की नियुक्ति हेतु विज्ञापन प्रकाशित कर दिया है साथ ही शासन की समिति ने वाईस चांसलर डॉ. ओमकार सिंह द्वारा अपने प्रभाव के आधार पर अपने गृह जनपद के निकट सम्बन्धी इ.आर.पी. कंपनी को करोडो रु दिलवाने में सांठ गांठ एवं मिली भगत की भी पुष्टि की है। जिसके तुरंत बाद से डॉ. ओमकार सिंह पुनः अपने प्रभाव के आधार पर मामले को रफा दफा करने में जुट गए है। उन्होंने कल से ही महामहिम राज्यपाल भवन के चक्कर लगाने प्रारम्भ कर दिए है परन्तु इस बार सरकार कोई कोताही बरतके अपनी फजीयत न करवाने का मन बनाती लग रही है!
डी.ए.वी. छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में छात्र संघटनों ने बच्चो की निरंतर शिकायते एवं शासन की रिपोर्ट के आधार पर पुनः मांग की है कि शासन की समिति की रिपोर्ट के आधार पर कुलपति डॉ. ओमकार सिंह एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. वी. के पटेल को तुरंत बखऱ्ास्त किया जाये। शासन की स्पष्ट रिपोर्ट के बाद उनका एक दिन भी विश्विद्यालय में रहना सबूतों को मिटाने एवं अपने प्रभाव के आधार पर मामले को रफा दफा करने में ही लगेगा। जो व्यापक छात्र हितो पर कुठाराघात होगा। अतः कुलपति डॉ. ओमकार सिंह एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. वी. के पटेल को विश्विद्यालय के सभी गोपनीय दस्तावेजों से तुरंत दूर किया जाये। ताकि वो आगे की जाँच प्रभावित न कर सके। शासन की समिति की रिपोर्ट में उल्लेखित विश्विद्यालय के करोडो रु के घालमेल की रिकवरी हेतु तुरंत कदम उठाये जाये ! एवं पूरा पैसा वापस विश्विद्यालय को मिलना सुनिचित किया जाये ! यदि आवस्यकता पड़े तो कुलपति डॉ. ओमकार सिंह एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. वी. के पटेल एवं अन्य संलिप्त अधिकारिओ के विरुद्ध इ.डी की भी मदद ली जाये। शासन की समिति की रिपोर्ट में उल्लेखित निर्देश के अनुसार वर्तमान इ.आर.पी. तुरंत बंद किया जाये एवं निर्धरित प्रकिर्या के तहत तकनीकी समिति बनाकर केंद्र सरकार द्वारा निशुल्क प्रदान किया जा रहा समर्थ पोर्टल बतौर इ.आर.पी. तकनीकी विश्विद्यालय में लागु किया जाये ! जो उत्तराखंड के अन्य विश्विद्यालयों में बड़ी सफलता पूर्वक संचालन में है। फेल छात्र को डिग्री देने के संगीन मामले की जाँच हेतु रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में सरकार निष्पक्ष जाँच समिति बनाये एवं कुलपति एवं परीक्षा नियंत्रक की जिम्मेदारी तय हो। जो भी दोषी पाया जाये उनको जेल भी भेजा जाये। वर्तमान में गलत तरीके से चल रहे घर बैठे ऑनलाइन मूल्याङ्कन को तुरंत बंद करके गोपनीय रूप से मूल्याङ्कन केन्द्रो पर मूल्याङ्कन दिन में पूर्ण गोपनीय एवं पारदर्शी तरीके से कराया जाये। विश्विद्यालय द्वारा अभी तक पिछली परीक्षा का भुगतान शिक्षकों को नहीं किया गया है जिसकी वजह से वर्तमान मूल्याकन में ज्यातर शिक्षक रूचि नहीं ले रहे है ! ऐसे में रिजल्ट घोसित होने में देरी हो रही है एवं जूनियर शिक्षकों से मूल्याङ्कन करवाया जा रहा है। शिक्षको को तुरंत उनके पिछले मूल्याङ्कन एवं परीक्षा ड्यूटी का पैसा दिया जाये। वर्तमान मूल्यांकन का पैसा एडवांस में दिया जाये। पारदर्शी तरीके से केवल सीनियर अद्यापको को ही परीक्षक नियुक्त किया जाये। भाई भतीजा वाद बिलकुल ख़तम हो।