देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज। रा० बा० इ० का० में गृह विज्ञान इंटरमीडिएट प्रयोगाल्मक परीक्षा में द्दात्राओं नें प्रयो० परीक्षा में सिलाई कटाई एवं बुनाई के साथ पाक शास्त्र में उत्तराखण्ड के गढ़ भोज के अन्तर्गत विशेष पकवान बनाने के साथ भोजन मे पाये जाने वाले पोषक तत्वों के बारे मे जानकारी प्रस्तुत की गई ।
प्रवक्ता गृह विज्ञान निशा थपलियाल के मार्ग दर्शन में द्दात्राओ के द्वारा विभिन्न क्रियाकलाप के अन्तर्गत स्थानीय फसलो को बढ़ावा देने के साथ इनके ओषधीय गुणों के बारे में जानकारी दी गयी। बच्चों ने इस अवसर पर स्वाले, चौसा, कापला व चटनी बनाई। कालेज के शिक्षक व गढ़भोज अभियान से जुड़े श्रीकृष्ण भट्ट एवं मन मोहन सिह पडियार ने बताया की वर्ष 2021 को गढ़ भोज वर्ष के रूप मे मनाया जा रहा है इसके अन्तर्गत छात्रौ को प्राथना सभा मे प्रत्येक दिन एक पारम्परिक फसल के बारे मे व उससे बनने वाले भोजन से शरीर को मिलने वाले त्वतो की जानकारी दी गई । बच्चे अपनी फसलो के बारे मे जानकारी रखे व उनके संरक्षण के लिये लोगो को प्रेरित करे उसके लिये तय किया गया की पाकशस्त्र मे गढ़भोज को शामिल किया जाये। निशा थपलियाल प्रवक्ता गृह विज्ञान ने कहा है कि इन स्थानीय फसलो का उपयोग हमारे पाठ्य क्रम में भी जोडा जा सकता है । जिससे स्थानीय किसानो को भी लाभ प्राप्त हो सके समय समय पर विघालय में छात्राओं को गढ़भोज के बारे में द्दत्राओं को अवगत कराया जाता है प्रधानाचार्या विजयलक्ष्मी रावत, आभा बहुगुणा, मनोरमा नौटियाल, अंजु उनियाल एव समस्त अध्यापिकाये छात्राओ को गढ भोज की जानकारी देते रहे है । इस अवसर पर हर्षमणी मिश्रा कोशल्या राणा आदि उपस्थित थे । जाड़ी संस्थान के सचिव व गढ़ भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा है कि यह राज्य का पहला विधालय है जहा पर प्रयोगात्मक परीक्षा में छात्राओ को स्थानीय फसलो की जानकारी एवं उनसे बनने बाले भोजन एवं उनके महत्व की जानकारी देने के साथ इसे परीक्षा मे शामिल किया गया।