-देवभूमि साइबर हैकाथॉन वेबसाइट लाइव हुई
रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की), स्मार्ट पुलिसिंग के युग में एक बेंचमार्क स्थापित करने वाले एक और मेगा इवेंट के लिए सहयोग कर रहा है। उत्तराखंड पुलिस हैकाथॉन, देवभूमि साइबर हैकाथॉन 2.0 के दूसरे संस्करण को चिह्नित करते हुए, उत्तराखंड पुलिस ने आज देहरादून में अपने मुख्यालय में मेगा इवेंट देवभूमि साइबर हैकाथॉन की वेबसाइट का शुभारंभ किया।
वेबसाइट को आईआईटी रुड़की (प्प्ज्) रुड़की और उत्तराखंड पुलिस के तत्वावधान में विकसित किया गया है। कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने वेबसाइट का उद्घाटन किया। इस मेगा इवेंट में राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, एमएचए के अधिकारी, प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी, निदेशक, आईआईटी रुड़की और महिंद्रा टीम ने भाग लिया। प्रोफेसर पी. सतीश कुमार पेड्डोजू और आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी इस आयोजन के समन्वयक रहें।
आईआईटी रुड़की न केवल इस आयोजन का नॉलेज पार्टनर है, बल्कि इस आयोजन का एक भागीदार भी है। यह कार्यक्रम तीन चरणों में आयोजित किया जा रहा है, अर्थात, प्रारंभिक परीक्षा, जो वेबसाइट के शुभारंभ और समाधान तथा विचार प्रस्तुत करने के लिए पंजीकरण की शुरुआत दर्शाती है, इसके साथ ही समयरेखा के साथ मुख्य चरण निर्धारित है जिसमें पुरस्कार वितरण भी सम्मिलित किया गया है। भारत के माननीय प्रधान मंत्री द्वारा तकनीकी समाधान खोजने के लिए हैकाथॉन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इस प्रकार, उत्तराखंड पुलिस ने अत्यंत उत्साह और स्मार्ट पुलिसिंग के लक्ष्य को पूरा करने की प्रतिबद्धता के साथ पहला सफल साइबर हैकाथॉन उत्तराखंड राज्य में देवभूमि साइबर हैकथॉन के रूप में आयोजित किया गया। अतएव उत्तराखंड ऐसा करने वाला उत्तर भारत का पहला राज्य बन गया है। इसी क्रम में उत्तराखंड पुलिस हैकाथॉन का दूसरा संस्करण देवभूमि साइबर हैकाथॉन 2.0 आईआईटी रुड़की के सहयोग से आयोजित कर रही है।
कार्यक्रम पर कुछ प्रकाश डालते हुए उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा, प्रधानमंत्री के स्मार्ट पुलिसिंग विज़न के बाद, देश-भर से लगभग 332 टीमों ने पिछले साल उत्तराखंड पुलिस द्वारा आयोजित देवभूमि साइबर हैकाथॉन के पहले संस्करण में भाग लिया। इस वर्ष हम उसी कार्यक्रम का आयोजन करने की योजना बना रहे हैं जिसमें आईआईटी रुड़की नॉलेज पार्टनर और टेक महिंद्रा औद्योगिक भागीदार हैं। पिछले 01-02 वर्षों में उत्तराखंड साइबर पुलिस ने सराहनीय काम किया है और अब वह इस नवीन तकनीकी समाधान को खोजने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे वह बेंचमार्क के रूप में कार्य करेगा और स्मार्ट पुलिसिंग को आकार देगा। इस वर्ष हमारे पास छात्रों के साथ उद्योग के विशेषज्ञों की भागीदारी होगी। मैं सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी ने कहा, ष्देवभूमि साइबर हैकाथॉन 2.0 स्मार्ट पुलिसिंग के लिए आगे का रास्ता है क्योंकि यह साइबर सुरक्षा में कमजोरियों का फायदा उठाने वाले अपराधियों की पहचान करने और उन्हें ट्रैक करने की चुनौती लेगाष्।
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