-यूसीसी को भी बताया उत्तराखंड विरोधी
देहरादून। उत्तराखंड में अब भू-कानून और मूल निवास के मुद्दों को लेकर जनांदोलन दिनों दिन उग्र रूप लेता जा रहा है। यूकेडी के आह्वान पर गुरूवार को राजधानी दून में तांडव रैली के दौरान कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच जो आक्रोश नजर आया वह तांडव से कम नहीं था। सरकार के खिलाफ जबरदस्त रोष के बीच प्रदर्शनकारी बैरिकेटिंग तोड़ते हुए सीएम आवास तक जा पहुंचे इस दौरान उनकी पुलिस कर्मियों के साथ तीखी नोकझोंक और भिड़ंत भी हुई।
विधानसभा के गैरसैण सत्र के समय से शुरू हुआ यह आंदोलन धीरे-धीरे अपनी चरम सीमा की ओर जा रहा है। ऋषिकेश के बाद गुरूवार को दून में यूकेडी के आह्वान पर निकाली गई तांडव रैली में भारी भीड़ उंमड़ी। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे। हजारों की तादाद में लोगों की भीड़ गुरूवार को परेड ग्राउंड में जमा हुई जहां से सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए इस रैली ने सीएम आवास की तरफ कूच किया। जिन्हें रास्ते में ही पुलिस द्वारा रोक दिया गया। कुछ तो प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर ही धरना दिया। वहीं अनियंत्रित भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और कुछ प्रदर्शनकारी सीएम आवास तक पहुंच गए जिनकी पुलिस के साथ भिड़ंत भी हुई। इस मौके पर राज्य निर्माण आन्दोलकारी नेत्री प्रमीला रावत ने कहा कि कि अब तक सरकारों ने प्रदेश को दोनों हाथों से लूटा और लुटवाया है। लेकिन अब वह ऐसा कतई भी नहीं होने देंगे। उनकी मांग है कि सरकार सख्त भू कानून लाए तथा मूल निवास 1950 से लागू किया जाए स्थाई निवास प्रमाण पत्र की व्यवस्था को समाप्त किया जाए। यही नहीं इनका यूसीसी को लेकर भी प्रमीला रावत ने कि वह राज्य में सरकार को यूसीसी किसी भी कीमत पर लागू नहीं करने देंगे क्योंकि यह सब जनता को बेवकूफ बनाने के लिए किया जा रहा है। इसे पहाड़ी संस्कृति के खिलाफ संडयंत्र भी कहा जाए तो इसमें कोई अतिश्योक्तिी नही होगी।
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