देहरादून। पुष्कर सिंह धामी ऐसी शख्सियत का नाम है, जो कभी भी आलोचनाओं से घबराता नहीं है बल्कि आत्ममूल्यांकन कर अपनी कमियों को सुधारने की कोशिश करता है। यही खूबी उनको दूसरे राजनीतिज्ञों से अलग बनाती है।
लोकप्रियता की बात करें तो धामी निरंतर जनता का विश्वास जीत रहे हैं। बतौर मुख्यमंत्री अभी उनका महज दो माह का कार्यकाल हुआ है लेकिन इस दौरान वह कई उपलब्धियां अपनी सरकार के नाम जोड़ चुके हैं। इन 60 दिनों में 120 से अधिक घोषणाएं धामी कर चुके हैं। जो मिशन के रूप में धरातल में उतारी जा रही हैं। सबसे बड़ी बात है कि बीते 4 जुलाई को भाजपा हाई कमान ने जब धामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी तो उनके अपेक्षाकृत युवा होने के कारण पार्टी के दिग्गज नेता असहज से दिखने लगे, उन्हें सम्मानजनक तरीके से साथ लेकर चलना धामी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी थी, जिसे वह बड़ी सरलता से निभा रहे हैं। पार्टी का हर बड़ा नेता आज धामी के साथ–साथ कदमताल कर रहा है और उनके फैसलों के साथ खड़ा भी है। मुख्यमंत्री का दायित्व निभाते हुए वह पार्टी संगठन और सरकार दोनों में जबरदस्त सामंजस्य बनाए हुए हैं। इसके अलावा जनता को लुभाने में भी धामी पीछे नहीं हैं। एक के बाद एक घोषित आर्थिक पैकेज और जनकल्याणकारी फैसलों को लाभ जनता को हाथोंहाथ मिल रहा है। कोरोना से प्रभावित पर्यटन सेक्टर को 200 करोड़, स्वास्थ्य/चिकित्सा को 205 करोड़ और महिला स्वयं सहायता समूहों/स्वरोजगार से जुड़े लोगों को 108 करोड़ का पैकेज इनमें प्रमुख है। ऑनलाइन पढ़ाई में दिक्कत न हो इसके लिए बोर्ड परीक्षा के विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरित किए जा रहे हैं। ऐसे युवा जो यूपीएससी, एनडीए और सीडीएस की लिखित परीक्षा पास कर चुके हैं उन्हें प्रत्येक को आगे की तैयारी के लिए 50 हजार रूपये की एकमुश्त धनराशि देने का ऐलान भी सीएम ने किया है। लगभग 24 हजार रिक्त सरकारी पदों पर भर्तियां खोल दी गई हैं। स्वरोजगार के जरिए तकरीबन सवा लाख युवाओं को लाभान्वित करने के लिए राज्यभर में शिविर लगाए जा रहे हैं। एमबीबीएस इंटर्न्स का स्टाइफन 7500 रूपये से बढ़त 17500 रूपये प्रतिमाह किया गया है। सरकारी कर्मचारियों की जायज मांगों का भी सिलसिलेवार समाधान किया जा रहा है। तीन लाख से अधिक राज्य कर्मियों का कोविड के कारण रोकी गई 11 फीसद डीए बढ़ोत्तरी को बहाल कर दिया गया है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों की मांग पर निगम को घाटे से उबारने के लिए 34 करोड़ की धनराशि जारी की है। अब मुख्यमंत्री धामी का फोकस उपनल कर्मियों और देवस्थानम बोर्ड के मसलों के समाधान पर है, इसके लिए वह उच्चस्तरीय कमेटियों का गठन कर चुके हैं। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा है कि जो घोषणाएं की जा रही हैं, उनका शासनादेश होगा और लोकार्पण भी होगा।
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