हरियाणा को डिजिटली एडवांस प्रदेश बनाने के लिए डालनी होगी 3 गुना फाइबर केबल : सीओएआई

नई दिल्ली: दूरसंचार कंपनियों के संगठन ‘सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (सीओएआई) ने हरियाणा सरकार को पत्र लिख कर, प्रदेश में आवश्यकता अनुसार बिजली के व अन्य खंभों पर फाइबर केबल डालने की अनुमति देने की प्रार्थना की है। सीओएआई ने कहा है कि हरियाणा को अगर डिजिटली एडवांस प्रदेश बनना है तो उसे तीन गुना अधिक फाइबर केबल डालने की जरूरत होगी। मौजूदा खंभों का इस्तेमाल कर फाइबर केबल को तेजी से और अधिक किफायती तरीके से डाला जा सकता है। मार्च 2021 तक हरियाणा में फाइबर केबल की कुल लंबाई 48 हजार 6 सौ किलोमीटर से अधिक थी।

ओडिशा सरकार की नीतियों का हवाला देते हुए सीओएआई ने कहा है कि ओडिशा के अलावा बहुत से अन्य प्रदेश भी मौजूदा खंभों पर फाइबर केबल डालने की अनुमति देते हैं। सीओएआई ने हरियाणा सरकार से प्रार्थना की है कि सरकार प्रांत के बिजली वितरण कंपनियों को निर्देश जारी करे कि वे अपने मौजूदा और नए लगने वाले खंभों पर फाइबर केबल डालने की अनुमति प्रदान करें। हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव विजय वर्धन को लिखे पत्र में सीओएआई ने प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन का जिक्र करते हुए कहा है कि देश के शहरी और ग्रामीण इलाकों के बीच उपजी डिजिटल खाई को पाटने के लिए फाइबर केबल तेजी से बिछाना आवश्यक है और फाइबर केबल बिछाने का सबसे किफायती और तेज तरीका है, एरियल रूट यानी खंभों के सहारे केबल डालना। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में एरियल रूट यानी खंभों पर फाइबर केबल डालने को सबसे किफायती और तेज माना है। सीओएआई ने कहा है कि सरकार खंभों पर फाइबर केबल डालने की इजाजत दे कर अतिरिक्त धन कमा सकती है। साथ ही फाइबर केबल को तेज और किफायती तरीके से डालने का रास्ता साफ कर प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार कर सकती है।