देहरादून। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् (भा.वा.अ.शि.प.), देहरादून में राज्य स्तरीय अधिकारियों के लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन और साक्ष्य आधारित निर्णय प्रक्रिया पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ। विकासात्मक परियोजनाओं के लिए पर्यावरणीय प्रभाव आकलन और साक्ष्य आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (भा.वा.अ.शि.प.), देहरादून में पर्यावरण प्रबंधन प्रभाग, विस्तार निदेशालय, भा.वा.अ.शि.प. द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के लगभग 30 अधिकारियों जो विभिन्न संगठनों/विभागों जैसे खान और भूविज्ञान, वाटरशेड प्रबंधन, मृदा और जल संरक्षण, लोकनिर्माण विभाग, शहरी विकास विभाग, मनरेगा, कृषि, पशुपालन विभाग, बागवानी, पुलिस विभाग, जल संसाधन विभाग और टीएचडीसीआईएल, यूजेवीएनएल, ऊर्जा निदेशालय, हिमाचल प्रदेश सरकार, एचपीपीसीएल और एचपीपीटीसीएल जैसे संस्थान से संबंधित हैं, सहभाग कर रहें हैं। प्रशिक्षण की रूपरेखा व परिचय डाॅ. ए. एन. सिंह, सहायक महानिदेशक(प.प्र.), भा.वा.अ.शि.प. द्वारा प्रस्तुत किया गया। साथ ही भा.वा.अ.शि.प. की गतिविधियों के बारे में डाॅ0 गीता जोशी, सहायक महानिदेशक (मी. व वि.) द्वारा प्रकाश डाला गया। धन्यवाद ज्ञापन भा.वा.अ.शि.प. के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. विश्वजीत कुमार द्वारा दिया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन डाॅ0 सुधीर कुमार, उप महानिदेशक (विस्तार), भा.वा.अ.शि.प., देहरादून ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने राष्ट्र के लिए विकास की आवश्यकता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने विभिन्न विकासात्मक गतिविधयों से जुडे दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए शमन उपायों के ईमानदारी से क्रियान्वन पर भी जोर दिया।
उद्घाटन सत्र के बाद, विकासात्मक और साक्ष्य आधिरित निर्णय लेने के लिए पर्यावरणीय प्रभाग आकलन से संबंधित विभिन्न पहलुओं को शमिल करते हुए तकनीकी सत्र आयोजित किये जाने हैं। भारत में ईआईए और ईआईए प्रक्रिया, ईआईए अधिसूचना, 2006 और उसके बाद के संशोधन और अन्य संबंधित कानून, पर्यावरण के विभिन्न घटकों पर आधारभूत डेटा तैयार करने की पद्धति, जोखिमों का आकलन और प्रभावों की भविष्यवाणी और उनके संभावित शमन उपाय और निर्णय लेने और प्रस्तावित विकासात्मक परियोजनाओं के अनुमोदन/अस्वीकृति के लिए ईआईए रिपोटिंग पर जैसे विषय शमिल हैं। तकनीकी सत्रों के अलावा, विषयों से संबधित क्षेत्र दौरे/प्रर्दशनों को भी कवर किया जाना निर्धारित है। भा.वा.अ.शि.प., डब्ल्यूआईआई, देहरादून और पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के प्रख्यात विषय विशेषज्ञ विभिन्न विषयों पर अपने व्याख्यान देगें। प्रशिक्षण 07 फरवरी को समापन्न सत्र और प्रशिक्षण के प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरण के साथ समाप्त होगा।
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