टीम ने मदननेगी में केंद्रीय विद्यालय के लिए प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया

टिहरी। टिहरी बांध प्रभावित प्रतापनगर के मदननेगी में नए शिक्षा सत्र से केंद्रीय विद्यालय शुरू होने की उम्मीद जग गई है। केंद्रीय विद्यालय संगठन की टीम ने मदननेगी में केंद्रीय विद्यालय के लिए प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया। वैकल्पिक व्यवस्था पर मदननेगी में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के पुराने भवन पर कक्षाएं संचालित की जाएंगी। केंद्रीय विद्यालय शुरू होने से धारमंडल, रैका समेत अन्य क्षेत्रों के छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
राजशाही के जमाने और पुराने टिहरी के सबसे निकट होने के कारण कभी मदननेगी में खूब रौनक हुआ करती थी, लेकिन टिहरी बांध बनने के बाद यहां से लोगों का पलायन हुआ। झील बनने के बाद सरकार ने मदननेगी-टिपरी रोपवे का निर्माण कराया। जिससे लोग आवागमन कर जिला मुख्यालय पहुंचते हैं। साथ ही मदननेगी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उप तहसील, बेसिक स्कूल समेत इंटर कॉलेज भी स्थापित किया गया। बावजूद स्थानीय लोग लंबे समय से क्षेत्र में उच्च गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग करते रहे हैं। पूर्व में विधायक विजय सिंह पंवार, भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम दत्त जुयाल ने केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को प्रस्ताव दिया था। सरकार ने केवि खोलने के लिए जिला प्रशासन को भूमि की उपलब्धता के निर्देश दिए थे। डीएम टिहरी ने भूमि का प्रस्ताव को केंद्रीय विद्यालय संगठन को भेजा गया। बताया कि केवि संगठन की उपायुक्त मीनाक्षी जैन, केवी ऋषिकेश की प्राचार्य सुधा गुप्ता, नई टिहरी के प्राचार्य एसएस जयड़ा ने मदननेगी क्षेत्र का निरीक्षण कर जरूरी औपचारिकताएं पूरी की। उन्होंने बताया कि केंद्रीय विद्यालय भवन और स्टॉफ क्वाटर्स के लिए न्यूनतम 50 नाली जमीन की आवश्यकता है। ग्राम पंचायत ने मदननेगी के पास 70 नाली सरकारी भूमि का प्रस्ताव प्रशासन को पूर्व में ही भेजा था। जिससे अब उम्मीद है कि नए शिक्षा सत्र से डायट भवन में कक्षाएं संचालित की जा सकती है।

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