-तीन डी— प्रलेखन, प्रदर्शन और प्रसार—की बढ़ती आवश्यकता पर डॉ. बी. के. एस. संजय के विचार

*देहरादून! “जनसंपर्क किसी भी सार्वजनिक सेवा का आधार है,” पद्म श्री डॉ. बी. के. एस. संजय, अध्यक्ष, एम्स गुवाहाटी ने कहा। वे 47वें अखिल भारतीय जनसंपर्क सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि थे।
डॉ. संजय, गिनीज़ विश्व रिकॉर्ड धारक, ने बताया कि भरोसा, पारदर्शिता और समाज के साथ सक्रिय सहभागिता से ही सार्थक सेवा संभव है। उन्होंने कहा कि बेहतर समुदाय के लिए संवाद, समझ और सभी हितधारकों की भागीदारी जरूरी है।
सम्मेलन में माननीय श्रीमती ऋतु खंडूरी, उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष, और डॉ. रमेश पोखरीयाल ‘निशंक’, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड एवं पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री भी उपस्थित थे। करीब 300 प्रतिनिधि देशभर से आए थे।
डॉ. संजय ने सफलता के तीन स्तंभ—व्यवहार, ज्ञान और कौशल (BKS)—का महत्व बताया। उन्होंने मज़ाक में कहा, “यदि आप कभी भूल जाएँ, तो मेरे आद्याक्षर याद रखें: B यानी व्यवहार, K यानी ज्ञान, S यानी कौशल।”
उन्होंने 3D दृष्टिकोण—प्रलेखन, प्रदर्शन और प्रसार—पर जोर दिया। दस्तावेज़ीकरण सटीकता सुनिश्चित करता है, प्रदर्शन समझ बढ़ाता है और प्रसार सही दर्शकों तक संदेश पहुँचाता है।
“3D दृष्टिकोण जानकारी को प्रभाव में बदलता है, भरोसा बनाता है और हितधारकों के साथ सार्थक जुड़ाव को सक्षम करता है,” डॉ. संजय ने कहा। उन्होंने सभी पेशेवरों से संरचित, पारदर्शी और आकर्षक जनसंपर्क की आवश्यकता पर जोर दिया।
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