महाकुंभ के अंतिम शाही स्नान पर दिखा महामारी का असर

हरिद्वार। कोरोना संकट के बीच धर्मनगरी हरिद्वार में हो रहे महाकुंभ के अंतिम शाही स्नान पर महामारी का असर दिखा। हरकी पैड़ी समेत विभिन्न घाटों पर चैत्र पूर्णिमा का स्नान करने बेहद ही कम श्रद्धालु पहुंचे। शाही स्नान ब्रह्ममुहूर्त में ही शुरू हो गया था।  हरिद्वार कुंभ के अंतिम शाही स्नान चैत्र पूर्णिमा के प्रतीकात्मक स्नान के लिए हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर निरंजनी अखाड़ा के संत महात्माओं ने स्नान किया। अखाड़े के सचिव और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के नेतृत्व में संत शाही स्नान के लिए पहुंचे हैं। मेलाधिकारी दीपक रावत ने संतों का स्वागत किया। संत महात्मा 100 से भी कम संख्या में थे। हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर अपनी घोषणा के मुताबिक निरंजनी अखाड़े के संत महात्माओं ने बेहद सीमित संख्या में प्रतीकात्मक स्नान किया। श्रीमहंत रविंद्र पुरी अपने अखाड़े के आराध्य देव और मां गंगा की पूजा अर्चना करने के साथ ही कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए अखाड़े के संत मास्क लगाकर और शरीरिक दूरी का पालन कर प्रतीकात्मक शाही स्नान किया। स्नान करने के बाद अखाड़े के संत वापस लौट गए।