देहरादून, गढ़ संवेदना न्यूज।
” श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून (पंजी.)” द्वारा गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी–पुरानी टिहरी प्राचीन रामलीला को टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया है और इस हेतु देहरादून के टिहरी–नगर के “आजाद मैदान, टिहरी नगर, निकट बंगाली कोठी, दून यूनिवर्सिटी रोड, देहरादून ” में 11 दिन की ‘भव्य रामलीला’ का मंचन शारदीय नवरात्रों में 03 से 13 अक्टूबर तक किया गया।
” श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून ” के अध्यक्ष अभिनव थापर ने बताया कि रामलीला के समापन दिवस में राम–लक्ष्मण की रावण को युद्ध में हराकर अयोध्या वापस आने के साथ अयोध्या का राजतिलक हुआ। समापन दिवस में 1952 से आजतक के पुराने कलाकारों व उनके परिवार को सम्मानित किया गया, क्योंकि इस रामलीला को 1952 से सफल बनाने में हर एक व्यक्ति का योगदान रहा। कार्यक्रम में सभी पात्रों, समन्वय समिति, स्वयंसेवक समिति, गायक और संगीतकार को रामलीला समिति द्वारा सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है की उत्तराखंड में लेजर शो, Digital Screen, Live Telecast System के साथ पहली बार ” लेजर के उपयोग से लक्ष्मण रेखा, मेघनाथ का नागपाश, लक्ष्मण शक्ति, राम-रावण युद्ध, सीता की अग्निपरीक्षा, उड़ने वाले हनुमान जैसे कई दृश्यों के साथ इतनी भव्य रामलीला का सफल आयोजन हुआ। विभिन्न माध्यमों से DIGITAL LIVE TELECAST के द्वारा इस बार रामलीला 50 लाख से अधिक दर्शकों तक पहुँचने में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई। कार्यक्रम में अतिथिगणों में विधायक व पूर्व भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, विधायक विनोद चमोली, रामलीला समिति के अध्यक्ष अभिनव थापर, अमित पंत, गिरीश चंद्र पांडे, नरेश कुमार , मनोज जोशी , दुर्गा भट्ट, गुड्डी थपलियाल आदि ने पुरस्कार वितरण कर प्रतिभागियों को सम्मानित किया।
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