

टिहरी/घनसाली, गढ़ संवेदना न्यूज। भिलंगना प्रखंड अंतर्गत द्वारी गांव में घंटाकर्ण देवता (घंडियाल देवता) की जात (जात्रा) 29 व 30 दिसंबर को होगी। घंटाकरण देवता मंदिर समिति द्वारा देव जात की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 29 दिसंबर को सुबह 10 बजे से अपराह्न 2 बजे तक निशाण पूजन होगा। रात्रि 8 बजे घंडियाल देवता की देव जात्रा देव थान से मोलखा बिंदी के लिए प्रस्थान करेगी। देवता के पश्वा घंडियाल देवता व नागरजा देवता के निशाण (देव चिन्ह) के साथ मोलखा पहुंचेंगे। मोलखा में रात्रि जागरण होगा। पहर पूजन लग्नानुसार होगा। 30 दिसंबर को सुबह देव जात्रा मोलखा बिंदी से देव थान के लिए प्रस्थान करेगी। द्वारी गांव में घंडियाल देवता की देवजात्रा का भव्य व दिव्य आयोजन होता है। देव जात्रा में सम्मिलित होने के लिए प्रवासी देहरादून, टिहरी, चंबा, ऋषिकेश, दिल्ली, मुंबई और अन्य स्थानों से बड़ी संख्या में गांव पहुंचते हैं। इस देव जात्रा में चुखड़ी, देवलंगी, बुड़कोट, थापला, पिलखी, बौंसला, बंचुरी, बौंर, घनसाली, चमियाला, जखन्याली, मुयाल गांव, गौरिया, सेमल्थ आदि गांवों के लोग शामिल होते हैं। मोलखा में रात्रि जागरण के दौरान पूरी रात देव स्तुति और मंडाण का आयोजन होता है। देवता पश्वा पर प्रकट होकर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। श्री घंडियाल देवता मंदिर समिती द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
घंटाकर्ण देवता मंदिर द्वारीः यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मन्नत होती है पूरी
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