काबुल। तालिबान ने अब अफगानिस्तान की पंजशीर घाटी पर कब्जा का दावा किया है। इस बात की जानकारी समाचार एजेंसी रायटर्स ने तालिबान के तीन सूत्रों के हवाले से दी है। तालिबानी कमांडर की ओर से अब पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का दावा किया गया है। तालिबान के सूत्रों ने बताया कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारी गोलीबारी करके जश्न मनाया गया है। हालांकि फिलहाल इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं हो पा रही है। पंजशीर घाटी पर जीत का दावा करने वाले तालिबान के लड़ाके हवा में फायरिंग कर जश्न मना रहे हैं। हालांकि तालिबान के जबीउल्लाह मुजाहिद ने बयान जारी कर लड़ाकों से हवा में गोलियां न चलाने की अपील की और कहा है कि इससे आम लोगों को खतरा हो सकता है। पंजशीर में तालिबान के खिलाफ अहमद मसूद और पूर्व उपराष्ट्रपति अब्दुल्लाह सालेह की अगुवाई में रेजिस्टेंस फोर्स लड़ाई कर रही थी।
तालिबान के एक कमांडर ने कहा अल्लाह की दुआ से हमने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। मुश्किल पैदा करने वाले हार गए और अब पंजशीर हमारे कब्जे में है। इस बीच अफगानिस्तान की टोलो न्यूज चौनल से पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने उनके देश छोड़ने की खबरों को खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि उनके देश से भाग जाने की खबरें झूठी हैं। उन्होंने घाटी पर तालिबान के कब्जे की भी पुष्टि नहीं की है। सालेह ने कहा कि वे अब भी पंजशीर घाटी में अपने राजनीतिक नेताओं और सैन्य कमांडरों के साथ मौजूद हैं। हालांकि उन्होंने बताया कि स्थिति काफी खराब है दोनों ओर से भारी नुकसान हुआ है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार शाम पंजशीर घाटी को चारों ओर से घेर तालिबानियों ने अब तक सबसे बड़ा हमला किया। रात भर दोनों ओर से भीषण बमबारी हुई। पंजशीर के विद्रोहियों की ओर से इसका एक वीडियो भी जारी किया गया। अफगान मीडिया के अनुसार इससे पहले तीन दिनों में पंजशीर घाटी पर किए गए हमलों में तालिबान को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा जिसके बाद बिफरे तालिबानियों ने यह हमला किया। 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान पंजशीर घाटी पर कब्जे की कोशिश में था।
अफगानिस्तान में शुक्रवार को ही तालिबानी सरकार का गठन होना था लेकिन समूह के शीर्ष नेताओं ने इसे टाल दिया। अब नई सरकार का गठन शनिवार को किया जाएगा। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद के अनुसार नई सरकार का ऐलान आज किया जाना है। रायटर्स ने पहले बताया था कि मुल्ला बरादर के हाथ में अफगानिस्तान की सत्ता होगी। इसके अलावा तालिबानी सरकार में अहम पद पाने वालों में समूह के फाउंडर मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई का नाम शामिल हैं।