हल्द्वानी। एमबीपीजी कॉलेज में दाखिला न मिलने पर छात्रों ने शुक्रवार को बवाल कर दिया। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने किया लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें कई छात्र घायल हो गए। इसी बीच एक छात्र आत्मदाह करने के लिए पेट्रोल लेकर कॉलेज की चौथी मंजिल की छत पर चढ़ गया। छात्रों और प्राध्यापकों ने उसके हाथ से पेट्रोल छीना। इतना ही नहीं एक छात्र ने दाखिला न मिलने पर जहर खाने की दी धमकी तक दे डाली। गुस्साए छात्रों ने सीओ की गाड़ी रोक ली और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। छात्रों ने नेशनल हाईवे भी जाम कर दिया। वहीं उग्र छात्रों ने कॉलेज के दफ्तर और कक्षाएं बंद करा दीं। कई बार भगदड़ का माहौल हो गया। हालत बिगड़ने पर सिटी मजिस्ट्रेट, एसपी सिटी फोर्स लेकर कॉलेज पहुंचे। जानकारी के मुताबिक स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश से वंचित सभी छात्रों को दाखिले दिए जाने की मांग को लेकर एमबीपीजी कॉलेज में शुक्रवार को बवाल हो गया। आठ घंटे तक कॉलेज परिसर में अराजकता का माहौल रहा।
प्राचार्य कक्ष के सामने बवाल कर रहे छात्रों को पुलिस ने लाठियां बरसाकर खदेड़ा तो वे कॉलेज के मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए। पुलिस की लाठियों से एक दर्जन से अधिक छात्र चोटिल हो गए। एक छात्र गौरव सम्मल को उसके साथियों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में गुस्साए छात्रों ने प्राचार्य को कक्ष में ही बंधक बना दिया और तीन घंटे बाद शाम पांच बजे मुक्त किया। कॉलेज परिसर में शुक्रवार को बीए प्रथम वर्ष में ऑफलाइन प्रवेश आवेदन फॉर्म जमा कराने के लिए सुबह छह बजे से हजारों छात्र-छात्राओं की कतारें लग गईं थीं। सुबह आठ बजे कॉलेज का गेट खुला तो छात्रों का हुजूम कॉलेज परिसर में घुस गया। प्राचार्य के पहुंचने पर सुबह करीब नौ बजे कुछ छात्र नेता उनके कक्ष में पहुंचे और सभी को दाखिला देने की मांग करने लगे, लेकिन प्राचार्य ने सीटों के सापेक्ष ही प्रवेश दिए जाने की बात कह कर असमर्थता जता दी। इस पर प्राचार्य और छात्रों के बीच नोकझोंक हो गई। गुस्साए छात्रनेताओं ने प्राचार्य कक्ष से बाहर नारेबाजी कर हंगामा शुरू कर दिया। इसके कुछ देर बाद गुस्साए छात्रों ने कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया बंद करवाने के साथ ही दफ्तर बंद करवा दिया। परीक्षा विभाग में काम होता देख भड़के छात्रों ने कंप्यूटर पर कुर्सियां पटक दीं और तोड़फोड़ कर दी। कई बार कॉलेज परिसर में भगदड़ मची। इसके बाद बवाल इतना बढ़ा कि दो छात्र कॉलेज की छत पर डीजल लेकर चढ़ गए और आत्मदाह करने की कोशिश करने लगे जिन्हें प्राध्यापक डॉ. विनय जोशी और डॉ. सीएस नेगी ने छात्रों की मदद से रोका और डीजल की बोतल छीन ली।