देहरादून। रणभूमि डिफेंस ट्रेनिंग एकेडमी ने यूथ रॉक्स फाउंडेशन के सहयोग से श् उत्तराखंडरू मेरी कर्मभूमिश् कैंपेन का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम रणभूमि डिफेंस ट्रेनिंग एकेडमी सुद्धोवाला देहरादून में लॉन्च किया गया। उत्तराखंड मेरी कर्मभूमि कैंपेन के लॉन्च कार्यक्रम में मीडिया को संबोधित करते हुए रणभूमि डिफेंस ट्रेनिंग एकेडमी के संस्थापक कर्नल (से.नि.)प्रनीत डंगवाल (सेवा मेडल) ने कहा कि हमारा लक्ष्य उत्तराखंड के दूर दराज एवं सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों के युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ना है एवं उन्हें देश के लिए एक काबिल ऑफिसर के रूप में तैयार करना है। उन्होंने बताया कि श्उत्तराखंडरू मेरी कर्मभूमिश् कैंपेन के अंतर्गत हम प्रदेश के सभी जिलों के युवाओं को एक सूत्र में जोड़कर उन्हें राष्ट्रीय स्तर की डिफेंस ट्रेनिंग देने वाले हैं। उनके पास बहुत ही अच्छे टीचर्स और ट्रेनर्स हैं, मुख्य रूप से कमांडर (से.नि.) योगराज सिंह नेगी हैं जो पर्सनेलिटी डेवलपमेंट के विशेषज्ञ हैं।
इस कैंपेन में रक्षा क्षेत्र में रुचि रखने वाले योग्य युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा और प्रत्येक जिले में उनके लिए एक दिवसीय जिला स्तरीय मुफ्त बूटकैंप आयोजित किए जाएंगे। चयनित उम्मीदवारों को देहरादून के रांत्र में 3 दिवसीय निःशुल्क आवासीय बूटकैंप के लिए आमंत्रित किया जाएगा एवं चयनित उम्मीदवारों को 100 प्रतिशत तक की छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसका उद्देश्य उत्तराखंड के लड़कों और लड़कियों को रक्षा बलों में अधिकारी बनने के लिए प्रोत्साहित करना है और ऐसे छात्रों की सहायता करना है जिन्हें प्रशिक्षण के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में यूथ रॉक फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. दिव्या नेगी ने बताया कि हर युवा के सामने एक चुनौती यह है कि वह सही करियर पथ का चयन कैसे करे जो जीवन में उन्हें एक मुकाम तक पहुंचाए। यूथ रॉक्स फाउंडेशन युवाओं को उनके करियर और जीवन के बारे में सही निर्णय लेने में मदद करने के लिए काम करता आया है। अब ये दोनों संस्थाएं मिलकर इस राज्यव्यापी अभियान को शुरू कर रहे हैं जिसके अंतर्गत वे उत्तराखंड मेरी कर्मभूमि कैंपेन के माध्यम से प्रदेश के युवाओं तक पहुंचेंगे और उन्हें रक्षा क्षेत्र में सही करियर के चुनाव में मदद करेंगे। आगे चलकर यूथ रॉक्स फाउंडेशन दूसरे करियर विकल्पों के लिए भी पूरे प्रदेश में कैंपेन करेगी।
कर्नल प्रणीत डंगवाल, एसएम (सेवानिवृत्त) का जन्म देहरादून में हुआ था और उन्होंने 1996 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल होने से पहले सेंट जोसेफ अकादमी देहरादून से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। प्रणीत डंगवाल को 2000 में भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से भारतीय सेना की सबसे उत्कृष्ट इकाई, पैराशूट रेजिमेंट स्पेशल फोर्सेज के दूसरे बैलेशन में नियुक्त किया गया था। 6 महीने की कठोर परिवीक्षा को पार करने के बाद प्रणीत डंगवाल ने प्रतिष्ठित बलिदान बैज अर्जित किया। कश्मीर घाटी में एक ऑपरेशन के दौरान अपने अनुकरणीय साहस और वीरता का प्रदर्शन करने के लिए प्रणीत डंगवाल को उनकी वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया था। प्रणीत डंगवाल ने भारत के सभी क्षेत्रों में काम किया है और उन्हें आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन का व्यापक अनुभव है।