देहरादून। उत्तराखंड में निकाय चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने कमर कस ली है। आयोग चुनाव तैयारियों में जुट गया है। यदि सब कुछ सामान्य रहा तो आने वाले 2 महीने चुनाव के लिहाज से व्यस्त रहने वाले हैं। निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार की ओर से की जा रही तैयारी और कोर्ट में दिए गए एफिडेविट के अनुसार 10 नवंबर 2024 को निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होना है। नए परिसीमन के बाद अब अगर उत्तराखंड में कुल निकायों की बात करें तो अब प्रदेश में 105 निकाय हैं, जिनमें से बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री में चुनाव नहीं होते हैं। यानी कि 102 निकायों पर चुनाव होने हैं। 102 निकायों में अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ 2 नए नगर निगम के साथ प्रदेश में अब कुल नगर निगमों की संख्या 11 हो गई है। वहीं, पुरोला, कालाढूंगी और भीमताल 3 नई नगर पालिकाओं के साथ नगर पालिकाओं की संख्या 42 से बढ़कर 45 हो गई है। वहीं, मुनस्यारी, घाट और गुप्तकाशी 3 नई नगर पंचायत के साथ प्रदेश में कुल नगर पंचायत की संख्या 43 से बढ़कर 46 हो गई है।
विधानसभा की प्रवर समिति ने बैठक में अपना मंतव्य स्पष्ट कर दिया कि 2011 की जनगणना के आधार पर जिस तरह 2018 के निकाय चुनाव हुए थे, वैसे ही ओबीसी आरक्षण इस बार के चुनाव में भी दिया जाएगा। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई प्रवर समिति की बैठक में ओबीसी आरक्षण को सदन में चुनौती देने वाले प्रवर समिति के सदस्य भाजपा विधायक विनोद चमोली और मुन्ना सिंह चौहान के अलावा कांग्रेस विधायक ममता राकेश व बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद भी शामिल हुए। चूंकि, फिलहाल प्रवर समिति इस पर अपनी कोई रिपोर्ट नहीं दे रही है, इसलिए अभी या तो अध्यादेश के आधार पर चुनाव होंगे, जिसके लिए दोबारा अध्यादेश लाना पड़ेगा या फिर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश को भी आधार बनाया जा सकता है। पहले सरकार ने हाईकोर्ट में अक्तूबर में निकाय चुनाव की समय सारिणी दाखिल की थी। इसी हिसाब से तैयारियां भी चल रही थीं लेकिन विधानसभा में पेश ओबीसी आरक्षण संशोधन विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया गया था। इससे निकाय चुनाव की तारीख पर संशय पैदा हो गया था। इस बीच विभिन्न निकायों के परिसीमन की अधिसूचना जारी हो गई। इस हिसाब से राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारियां तेज कर दीं। इन निकायों में परिसीमन के मुताबिक मतदाता सूची संशोधन का काम शुरू हो गया है। आयोग 31 अक्तूबर तक यह काम पूरा कर लेगा। इसके बाद 10 नवंबर को निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाएगी। नामांकन व अन्य सभी चुनावी कार्य होने के बाद 15 से 20 दिसंबर के बीच प्रदेश में नगर निकाय चुनाव होंगे।
बीती 30 अगस्त को शासन ने नए बोर्ड का गठन होने तक प्रशासकों का कार्यकाल विस्तारित कर दिया था। नगर निकायों का कार्यकाल गत वर्ष दो दिसंबर को समाप्त होने के बाद जब चुनाव की स्थिति नहीं बन पाई तो इन्हें छह माह के लिए प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था। इस अवधि में भी चुनाव न होने पर प्रशासकों का कार्यकाल तीन माह बढ़ाया गया। बीती 30 अगस्त को शासन ने नए बोर्ड का गठन होने तक प्रशासकों का कार्यकाल विस्तारित कर दिया था। इस बीच दो नगर पालिकाओं के नगर निगम में उच्चीकृत होने के साथ ही नगर निगम देहरादून समेत आठ अन्य निकायों में दोबारा से परिसीमन कराया गया। यह पूर्ण कर लिया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इन 11 निकायों में मतदाता सूचियों के विशेष पुनरीक्षण के लिए 16 अक्टूबर तक का समय निर्धारित किया है। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए सरकार भी चाहती है कि अब जल्द से जल्द निकाय चुनाव करा दिए जाएं। जनता के साथ ही दलों के बीच से भी यह मांग उठ रही है। इसके दृष्टिगत नवंबर मध्य तक निकाय चुनाव कराने के लिए कसरत शुरू की जा रही है। खुद शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल स्पष्ट कर चुके हैं कि 2011 की जनगणना के आधार पर निकाय चुनाव कराए जाएंगे। 2018 में भी 2011 की जनगणना के आधार पर निकाय चुनाव कराए गए थे। इस आधार पर इस बार भी निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं।
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