-10वीं व 12वीं और डिग्री कालेजों के सभी छात्र-छात्राओं को मुफ्त टैबलेट की धनराशि डीबीटी से बैंक खातों में दी जाएगी
देहरादून। राज्य कैबिनेट ने शुक्रवार को कई लोकलुभावन फैसले लिए। सरकारी व सहायता प्राप्त गैर सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को निशुल्क जूते व स्कूल बैग दिए जाएंगे। इसकी धनराशि डीबीटी के माध्यम से बच्चों के बैंक खातों में दी जाएगी। इसी तरह सरकारी स्कूलों के 10वीं व 12वीं और डिग्री कालेजों के सभी छात्र-छात्राओं को मुफ्त टैबलेट की धनराशि डीबीटी से बैंक खातों में देने का निर्णय लिया गया है।
सचिवालय में शुक्रवार रात्रि मंत्रिमंडल की बैठक में 54 से ज्यादा फैसले लिए गए। कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के दो लाख से ज्यादा कर्मचारियों का डीए तीन प्रतिशत बढ़ाने को स्वीकृति दी गई। सरकारी स्कूलों के 10वीं व 12वीं कक्षा के करीब 1.59 लाख छात्र-छात्राओं को निश्शुल्क टैबलेट के लिए राशि उनके खातों में दी जाएगी। टैबलेट के लिए 12 हजार की राशि दी जाएगी। 100.90 करोड़ की राशि खर्च होगी। इसी तरह सरकारी डिग्री कालेजों के 1.05 लाख छात्र-छात्राओं के खाते में टैबलेट की राशि दी जाएगी। इस पर 382.82 करोड़ राशि खर्च होगी। राज्य कर्मचारियों का डीए तीन प्रतिशत बढ़ाया गया है, अब 31 प्रतिशत डीए मिलेगा। बिजली उपभोक्ताओं को राहत दी गई है, 31 मार्च, 2022 तक बिजली सरचार्ज माफ किया गया है। उपनल कार्मिकों को अब तीन महीने के बजाय हर महीने प्रोत्साहन राशि मिलेगी। जिला सैनिक कल्याण कार्यालय में कार्यरत ब्लाक समन्वयक के मानदेय में 2000 रुपये की वृद्धि की गई है। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और श्रीनगर मेडिकल कालेजों के क्लीनिकल चिकित्सकों को 50 प्रतिशत हिल अलाउंस दिया जाएगा।
श्रीनगर में पेयजल मीटर से आच्छादित घरों को 20 हजार लीटर तक पानी मुफ्त मिलेगा। राज्य में स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया है। कोटद्वार मेडिकल कालेज के लिए इसी वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पांच करोड़ की राशि मंजूर की गई है। सरकारी अस्पतालों में चतुर्थ श्रेणी के पद मृत घोषित करने का फैसला वापस लिया गया है। कक्षा एक से पांचवीं तक कक्षाओं में द्विभाषी पुस्तक देने का निर्णय लिया गया है। ये पुस्तकें गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी, गुरमुखी व बंग्ला भाषा में प्रकाशित होंगी। सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार को स्वीकृति
प्रदानन की गई है। सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौ से 12वीं तक अध्ययनरत सामान्य व पिछड़ी जाति के छात्र-छात्राओं को मुफ्त पाठ्यपुस्तकें देने पर मुहर लगी है।