देहरादून। एसजेवीएन लिमिटेड ने 210 मेगावाट की लूहरी जलवद्यिुत परियोजना चरण-1 के इलेक्ट्रो मैकेनिकल संकार्यों हेतु मेसर्स वोइथ हाइड्रो (प्रा.) लिमिटेड के साथ समझौता किया। नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, गीता कपूर निदेशक (कार्मिक), एस.पी. बंसल निदेशक (सिविल), अखिलेश्वर सिंह, निदेशक (वित्त), सुशील शर्मा निदेशक (विद्युत), रविंदर कालरा, प्रबंध निदेशक (मैसर्स वोथ हाइड्रो (प्रा.) लिमिटेड) की उपस्थिति में, एस.के. सूद, महाप्रबंधक (ईसीडी), एसजेवीएन तथा राज विद्यार्थी, उपाध्यक्ष मैसर्स वोइथ द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर एसजेवीएन और मैसर्स वोइथ के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। नन्द लाल शर्मा ने बताया कि 16 जुलाई 2021 को 420.28 करोड़ रुपए की राशि के इलेक्ट्रो मैकेनिकल संकार्य मैसर्स वोइथ हाइड्रो प्राइवेट लि. को अवार्ड किए गए हैं। इन कार्यों को परियोजना के कार्य शेड्यूल के अनुसार पूरा किया जाना है, जिसकी निर्धारित कमीशनिंग तिथि 24 मई, 2025 है। श्री शर्मा ने बताया कि 24 नवंबर, 2020 को सिविल और हाइड्रो-मैकेनिकल संकार्यों को पहले ही अवार्ड किया जा चुका हैं तथा इन पर निर्माण गतिविधियां जोरों पर हैं। लूहरी जलविद्युत परियोजना-1 हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला तथा जिला कुल्लू में ड्यूरिनल भंडारण एवं डैम-टो-सर्फेस पावर हाऊस सहित एक रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है। परियोजना की कुल क्षमता 210 मेगावाट है, जिसमें 80 मेगावाट की 2 मुख्य यूनिटों तथा प्रत्येक 25 मेगावाट की 2 सहायक यूनिटों सहित 4 कपलान टर्बाइन हैं। परियोजना की लागत 1810.56 करोड़ रुपए है और इसमें प्रतिवर्ष 758 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पन्न करने की संभावित क्षमता है। वर्तमान में, एसजेवीएन के पास 9000 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है तथा यह भारत, नेपाल तथा भूटान में हाइड्रो, थर्मल, सौर और पवन क्षेत्र में 27 परियोजनाओं को निष्पादित कर रहा है। कंपनी ने ऊर्जा उत्पादन एवं ट्रांसमिशन के अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार किया है। एसजेवीएन 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। मैसर्स वोइथ ग्रुप एक अग्रणी ग्लोबल प्रौद्योगिकी कंपनी है, जिसका मुख्यालय जर्मनी में है। कंपनी विद्युत परियोजनाओं के इलेक्ट्रो-मैकेनिकल घटकों में विशेषज्ञता के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग उत्पादों के डिजाइन, विनिर्माण, आपूर्ति एवं निष्पादन में अग्रणी है।————————————