देहरादून। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संबद्ध भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून की वैज्ञानिक टीमों ने अभियान के बारहवें दिन ब्लॉक विकासनगर, कालसी, सहसपुर और बहादराबाद (हरिद्वार) के 19 गांवों का दौरा किया। इस दौरान वैज्ञानिकों ने किसानों और अन्य हितधारकों को खरीफ फसलों के बेहतर प्रबंधन, जल व नमी संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य सुधार तथा भूमि क्षरण रोकथाम संबंधी तकनीकी जानकारी और प्रत्यक्ष सहायता प्रदान की।
यह अभियान क्षेत्रीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक और स्थान-विशेष की कृषि सलाहों के वितरण पर केंद्रित रहा। वैज्ञानिकों की टीमों ने खेतों का निरीक्षण कर किसानों से संवाद किया और वन्यजीवों द्वारा फसल क्षति, सिंचाई संरचनाओं की कमी, गुणवत्तायुक्त बीज व उर्वरकों की अनुपलब्धता, खरपतवार की अधिकता, कीट-रोग का प्रकोप तथा विपणन समस्याओं जैसी प्रमुख चुनौतियों को चिन्हित किया। इन समस्याओं के समाधान स्वरूप वैज्ञानिकों ने जल संचयन, जीवनरक्षक सिंचाई, नमी संरक्षण तकनीकें, मृदा परीक्षण और सुधार उपायों की जानकारी साझा की। साथ ही स्थानीय जलवायु, मिट्टी की वहन क्षमता और संसाधनों के अनुसार उपयुक्त फसलों के चयन पर विशेष बल दिया गया। यह पहल किसानों की आय बढ़ाने और टिकाऊ कृषि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।