देहरादून। उत्तराखंड में जंगल धूं धूं कर जल रहे हैं और राज्य का वन मंत्री मुंबई में ऐश कर रहे हैं। राज्य के मुखिया पुष्कर सिंह धामी का क्या कहना होगा, यह सवाल उक्रांद उनसे पूछता है।
यूकेडी सुनील ध्यानी ने कहा कि एक तरफ अथाह वन सम्पदा का हवाला उत्तराखंड के परिपेक्ष्य में दिया जाता हैं, लेकिन हर वर्ष वन सम्पदा लाखों हेक्टेयर प्राकृतिक वन आग में स्वाहा हो रही हैं। यही नहीं जंगली जानवरों के जानमाल का खतरा रहता है और हर वर्ष सैकड़ांे के तादाद पर जंगली जानवर जंगलों की आग से मर रहे हैं। प्राण वायु देने वाले पेड़ पौधों को जंगलों की आग से बचाव के लिए सरकार ठोस कार्य योजना नहीं बना पाई। एक तरफ प्रदेश का वन मंत्री कितना संवेदनशील हैं जो मुंबई जू चौपाटी में घूम रहे हैं वहीं वन विभाग का मुखिया छुट्टी मना रहा हैं। उक्रांद सरकार की निंदा करता हैं साथ ही दल का स्पष्ट मानना हैं कि खरबों की प्राकृतिक संपत्ति को बचाने के लिए ठोस नीति व कार्ययोजना बनायीं जाय, जिससे वन सम्पदा और जंगली जानवरों को कोई क्षति न हो।