विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि विगत काफी समय से अंकिता भंडारी हत्याकांड में एक वीआईपी व अन्य नाम शामिल होने की चर्चाएं जोरों पर थी, लेकिन इस मामले में कोई बोलने को तैयार नहीं था; चूंकि अब पूर्व विधायक सुरेश राठौड़ की पत्नी ने खुलकर जो बात मीडिया / सोशल मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक की है,उससे स्पष्ट हो गया है कि इस हत्याकांड/ जघन्य अपराध में प्रदेश प्रभारी गौतम (गट्टू) की संलिप्तता थी|
सवाल इस बात का है कि गट्टू को इस रिजॉर्ट में ले जाने व स्पेशल सेवा देने वाला सूत्रधार कौन था तथा उस रिजॉर्ट पर उस खास कमरे पर बुलडोजर चलाने की अनुमति देने वाला और इसमें शामिल कौन था; इसकी जांच अति आवश्यक है | इस मामले में सिर्फ और सिर्फ सीबीआई जांच ही अंकिता भंडारी के परिजनों एवं प्रदेश की जनता को न्याय दिला सकती है | सरकार को इस मामले में राजधर्म निभा कर हैवानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन कहीं न कहीं दबाव में आकर मामला आगे नहीं बढ़ सका | राजभवन को उस पीड़ित परिवार की पीड़ा को भी समझना चाहिए तथा प्रदेश में साम्राज्य स्थापित कर रहे इन हैवानों का भी खात्मा करने की दिशा में काम करना चाहिए | नेगी ने कहा कि इस हत्याकांड में वीआईपी की संलिप्तता पूरे देश में सुनाई दी,लेकिन राजभवन जैसी संस्था, जो कान में रुई डालकर सोई हुई है, उसको नहीं सुनाई दी ! आखिर एक फौजी (गवर्नर) इतना कमजोर कैसे पड़ गया ! क्यों सरकार की चाटुकार्यता करने में अपना फौजी धर्म ही भूल गए ! नेगी ने प्रदेश के गवर्नर साहब की आत्मा जगाने को उनसे आग्रह किया कि एक फौजी होने के नाते फौजी धर्म निभाते हुए इस हत्याकांड में शामिल हैवानों की भूमिका एवं उनको सलाखों के पीछे डालने को सीबीआई जांच की सिफारिश करने हेतु सरकार को निर्देश दें | पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व दिलबाग सिंह मौजूद थे |
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