भूस्खलन क्षेत्रों की रोकथाम तिरपाल के भरोसे

नैनीताल। चार्टन लाज आवागढ़ और रुसी बाइपास क्षेत्र स्थित निर्माणाधीन सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में हुए भूस्खलन की रोकथाम कार्य इसी सुस्ती को बयां कर रहे है। समय रहते सिस्टम ने रोकथाम के प्रयास तो नहीं किये, अब मानसून सिर पर आने के बाद इन दोनों भूस्खलन क्षेत्रों की रोकथाम तिरपाल के भरोसे टिकी हुई है। बता दे कि बीते वर्ष सितंबर माह में चार्टन लॉज आवागढ़ कंपाउंड क्षेत्र में भारी भूस्खलन हुआ था। जिसमें एक दो मंजिला भवन पूरी तरह ध्वस्त होने के साथ ही अन्य तीन भवन क्षतिग्रस्त हो गए थे। साथ ही भूस्खलन क्षेत्र के ऊपर स्थित भवनों में बड़ी-बड़ी दरारें उभर आई थी। एहतियात की दृष्टि से दो दर्जन परिवारों को अन्यत्र विस्थापित किया गया था।लोनिवि ने अस्थाई रोकथाम के तौर पर जिओ बैग की दीवार लगाकर भूस्खलन तो रोक दिया। मगर दस माह बीतने के बाद भी पहाड़ी की स्थाई रोकथाम के प्रयास नहीं हो सके है। बीती रात से हुई वर्षा से अस्थाई कट्टो की दीवार भी नीचे को खिसकने लगी है। जिससे आवासीय भवनों में निवासरत दर्जनों परिवारों पर खतरा मडरा रहा है। मगर रोकथाम के नाम पर भूस्खलन क्षेत्र को तिरपाल से ढका जा रहा है। ऐसा ही कुछ हाल रुसी बाइपास में पूर्व में प्रस्तावित एडीबी के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट स्थल का है।
पहाड़ी में लगातार भू-कटाव होने से भूस्खलन निर्माणधीन भवन की तलहटी तक पहुंच गया है। जिससे रुसी बाइपास और उसके ठीक ऊपर स्थित ग्रामीण क्षेत्र में भी खतरा बढ़ने लगा है। ईधर भूस्खलन बढ़ने के बाद विभागीय स्तर पर पहाड़ी को तिरपाल से ढक दिया गया है।

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