-देश भर में स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ के साथ-साथ मनाए जाएंगे रंपा विद्रोह के 100 वर्ष
-अल्लूरी सीताराम राजू के नाम पर आंध्र प्रदेश में स्थापित किया जाएगा एक विशेष जनजातीय स्मारक
आंध्र प्रदेश सरकार अल्लूरी सीताराम राजू के जन्म और मृत्यु स्थान का जीर्णोद्धार करेगी
-अल्लूरी सीताराम राजू ध्यान मंदिर का होगा निर्माण, रम्पा विद्रोह के उद्गम स्थल का होगा जीर्णोद्धार
धर्मावरम (आंध्रप्रदेश) , गढ़ संवेदना न्यूज: क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती के अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने पश्चिम गोदावरी जिले के धर्मावरम में इनकी 30 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन, केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, आंध्र प्रदेश की राज्य मंत्री सुश्री रोजा सेल्वमनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री के. चिरंजीवी और सुश्री डी. पुरंदेश्वरी तथा अन्य मंत्रियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘’स्वतन्त्रता की 75वीं वर्षगांठ के साथ-साथ पूरा देश रम्पा विद्रोह के 100 वर्ष भी मनाएगा, जो कि जनजातीय समूहों के हितों की रक्षा हेतु अंग्रेज़ों के विरुद्ध एक स्वतन्त्रता संग्राम के तहत अल्लूरी सीताराम राजू द्वारा शुरु किया गया था।‘’
इस अवसर पर, आदिवासी आबादी के लिए अल्लूरी सीताराम राजू द्वारा दिए गए महान बलिदानों और इस प्रक्रिया में उनके द्वारा किए गए संघर्षों को उजागर करते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने कहा, “मुझे तेलुगु धरती पर पैदा होने पर गर्व है।‘’ माननीय मुख्यमंत्री ने कहा, ‘’हम अल्लूरी सीताराम राजू जैसे नायकों की भूमि से आते हैं, जिन्होंने आंध्र प्रदेश के लोगों और विशेष रूप से आदिवासी समुदाय के लोगों के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। उनमें एक धधकती हुई चिंगारी थी, जो हमें हमारे दैनिक जीवन में हमेशा प्रेरित करती रहेगी।‘’ प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अंग्रेजों के खिलाफ़ अल्लूरी सीताराम राजू की भयंकर लड़ाई को भी याद किया और इन्होंने अल्लूरी सीताराम राजू को “मान्यम वीराडु” (जंगलों के नायक) कहकर संबोधित किया, जैसा कि इन्हें स्थानीय लोगों द्वारा पुकारा जाता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने यह भी घोषणा की कि केंद्र ने ‘’आज़ादी के 75 वें अमृत महोत्सव’’ के तहत कई पहलें नियोजित की हैं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, “अपने 75वें अमृत महोत्सव, और अल्लूरी सीताराम राजू द्वारा शुरू किए गए रम्पा विद्रोह की 100 वीं वर्षगांठ के तहत, मैं इस महान स्वतन्त्रता सेनानी को नमन करता हूं। मुझे खुशी है कि मैं इस शुभ कार्यक्रम में शामिल हो रहा हूं। हम पूरे साल रम्पा विद्रोह के 100 वर्ष व अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती मनाएंगे।‘’
माननीय प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि विजि़यानगरम जिले के पंडरंगी में अल्लूरी सीताराम राजू के जन्मस्थान और चिंतापल्ली पुलिस स्टेशन, इस पुलिस स्टेशन पर हुए हमले से रम्पा विद्रोह की शुरुआत हुई थी, का जीर्णोद्धार किया जाएगा। सरकार ने मोगलु में ध्यान मुद्रा में अल्लूरी सीताराम राजू की एक मूर्ति के साथ अल्लूरी ध्यान मंदिर के निर्माण को भी मंजूरी दे दी है, जिसमें भित्ति चित्रों और एआई-सक्षम संवादपूर्ण प्रणाली के माध्यम से इस स्वतंत्रता सेनानी की जीवन-गाथा को दर्शाया जाएगा।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, ‘’हमने सभी स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास तथा संघर्षों को देश भर में प्रचारित करने की शपथ ली है। यह सिर्फ एक निर्वाचन क्षेत्र, एक समुदाय या एक राज्य का इतिहास नहीं है, बल्कि पूरे देश के जानने और मनाने के लिए है। अल्लूरी आदिवासियों के लिए पूजनीय हैं और पूरे देश के लिए शक्ति का प्रतीक है।‘’
देश भर में आदिवासी समुदायों को दिए जा रहे महत्व पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार देश में आदिवासी गौरव तथा धरोहर को प्रदर्शित करने के लिए आदिवासी संग्रहालय स्थापित किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा, ‘’उनका जन्म से लेकर मृत्यु तक का पूरा सफर सभी के लिए एक प्रेरणा रहा है। उन्होंने अपना पूरा जीवन आदिवासियों के लिए न्यौछावर कर दिया और समुदाय के उत्थान के लिए हमेशा डटे रहे। उनकी स्मृति में, लांबासिंगी में अल्लूरी सीताराम राजू मैमोरियल ट्राइबल फ्रीडम फाइटर्स म्यूजि़यम भी बनाया जाएगा।‘’
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